दो डिब्बों में रोटी

इसके बाद, उस व्यक्ति को समझ आया कि वह परिवार हर दिन दो डिब्बों में क्यों खाना बनाकर रखता है। सभी जीवों के साथ खाना साझा कर उनका प्यार उन्हें और भी खास बना देता है। वह यह सब देख बहुत खुश हुआ और उसके दिल में एक नई सोच उत्पन्न हुई।

Mar 12, 2024 - 16:26
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दो डिब्बों में रोटी
bread in two boxes

एक गाँव में एक परिवार रहता था। इस परिवार में माता पिता, बेटा और बहु थी। रोज़, वे दो अलग-अलग डिब्बों में 30-40 रोटियाँ बनाते थे।

एक दिन, एक व्यक्ति उनके घर रुकने आया। दो डिब्बों में रोटी रखी देख सोचने लगा कि शायद माँ-पापा अपना खाना अलग बनाते हैं और बेटा-बहु अपना। उसे बहुत बुरा लगा और वह वहां से जाने की सोचने लगा कि तभी थोड़ी देर बाद उसने देखा कि मां ने बहू को आवाज लगाई और वे चारों सब मिलकर एक साथ बैठ खाना खाने लगे। इसके बाद, उस व्यक्ति ने सोचा कि ये सब साथ खा रहे हैं तो दूसरा डिब्बा किसके लिए? वह केवल देखता रहा और अपने उत्तर को ढूंढने का प्रयास करने लगा। थोड़ी देर बाद, परिवार का एक सदस्य बाहर गया और कुछ रोटियाँ लेकर गाय, कुत्तों व अन्य गली के छोटे बड़े जानवरों को देने लगा। यही परिवार के बाकी सदस्यों ने दिनभर कुछ कुछ समय से बारी बारी से किया।

इसके बाद, उस व्यक्ति को समझ आया कि वह परिवार हर दिन दो डिब्बों में क्यों खाना बनाकर रखता है। सभी जीवों के साथ खाना साझा कर उनका प्यार उन्हें और भी खास बना देता है। वह यह सब देख बहुत खुश हुआ और उसके दिल में एक नई सोच उत्पन्न हुई। उसने माना कि यह परिवार सिर्फ अपने लिए ही नहीं जीता, बल्कि सभी जीवों के साथ भी आपसी संबंध और प्रेम का जीता जागता उदाहरण है।

वह परिवार के वरिष्ठ सदस्य पिता के पास गया और बोला, "तुम्हारा परिवार सचमुच अद्वितीय है। तुम सभी जीवों के साथ इतना मिल जुलकर रहते हो। यह आपसी संबंध और प्यार का एक श्रेष्ठ उदाहरण है और यह हर किसी के लिए प्रेरणा स्रोत है। मैं भी घर जाकर इसी प्रकार से शुरू करूंगा।"

विकास बिश्नोई

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