फेसबुक का प्यार

“Facebook’s One-Sided Love” is a modern Hindi story reflecting the emotional complexities of relationships in the social media era. It revolves around Priya, a married woman, and Rahul, a stranger whose online affection blurs the lines between reality and illusionunfrid. This story explores digital relationships, trust, self-respect, and the power of emotional restraint.यूं ही एक दिन फेसबुक देख रही थी तो देखा कि एक लड़के ने फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी हुई है। कई दिनों तक इग्नोर करती रही। फिर एक दिन यूं ही मन में आया तो एक्सेप्ट कर ली। कुछ दिनों बाद देखा तो पाया कि वह लगातार मेसेज भेज रहा था। चैटबॉक्स खोला तो कुछ अजीब से मैसेज थे,`प्रिया ने फोन देखते हुए कहा।

Oct 23, 2025 - 15:31
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फेसबुक का प्यार
Facebook love

‘क्या दिनभर फेसबुक पर लगी रहती हो?'
दीपक ने ऑफ़िस का बैग रखते हुए पूछा।
`अरे, कुछ नहीं,बस अपनी शायरी पोस्ट कर रही थी,' प्रिया ने मुस्कराते हुए कहा।'आप बैठिए, मैं आपके लिए पानी लेकर आती हूं,' कहकर प्रिया किचन में चली गई।
`शायरी अच्छी लिखती हो तुम,'दीपक ने प्रिया का हाथ पकड़ते हुए कहा।
`बस एक बात है जो मुझे परेशान करती है वो ये कि लोग मेसेज बहुत करते हैं।कुछ भी लिख देते हैं। आज ही दो लोगों को ब्लॉक किया है,`प्रिया ने परेशान होते हुए कहा।
`हां, ये समस्या तो होती है सोशल मीडिया पर, प्रâॉड लोग भरे पड़े हैं। तुम इन चीजों पर ध्यान मत दो। बस अपने काम पर फोकस करो।ये सब तो होता रहता है,`पानी पीते हुए दीपक ने कहा।
`ठीक है,'इतना कहकर प्रिया चाय बनाने चली गई।
`ये राहुल शर्मा कौन है?' दीपक ने कमरे से ही आवाज दी।
`मेरा फेसबुक का प्यार है। तुम नहीं समझोगे,' प्रिया ने किचन से ही बताया।
`क्या?' दीपक के हैरानी की सीमा न रही।
`मेरी नई कहानी का चरित्र है,जो फेसबुक पर एक शादीशुदा महिला से प्रेम करता है। यूं ही एक दिन फेसबुक देख रही थी तो देखा कि एक लड़के ने प्रâेंड रिक्वेस्ट भेजी हुई है। कई दिनों तक इग्नोर करती रही। फिर एक दिन यूं ही मन में आया तो एक्सेप्ट कर ली। कुछ दिनों बाद देखा तो पाया कि वह लगातार मेसेज भेज रहा था। चैटबॉक्स खोला तो कुछ अजीब से मैसेज थे,`प्रिया ने फोन देखते हुए कहा।
`अच्छा कैसे थे?' दीपक ने पूछा।
`खुद ही पढ़ लो, `प्रिया ने मोबाइल देते हुए कहा।

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राहुल -हाय।
राहुल -कैसी हो ?
राहुल -अरे, कोई जवाब नहीं।
राहुल -तुम लखनऊ वाले बहुत भाव खाते हो। यही प्रॉब्लेम है।
प्रिया -क्या बकवास है? मेसेज पर बात करना नहीं पसंद है मुझे। एक बार और मैसेज किया तो ब्लॉक कर दूंगी।
राहुल -ब्लॉक क्यों कर दोगी? ऐसा मैंने क्या बोला? बस मैसेज ही तो किया।
प्रिया- बात नहीं करनी मुझे। किसी से नहीं करती।
राहुल - मै बाकी लोगों की तरह नहीं हूं।
प्रिया - अलग क्या है?
राहुल- बात करोगी तो पता चलेगा।
प्रिया -पता नहीं लगाना मुझे,समझे।
राहुल - नहीं समझा।प्यार से समझाओ।
प्रिया- मै शादीशुदा हूं ।
राहुल- क्या फर्क पड़ता है? मै कौन सा तुम्हे तलाक़ देने को बोल रहा हूं?मैं तो बस दोस्ती करना चाहता हूं। तुम बात को गलत दिशा में ले जा रही हो।
प्रिया - वाह, तुम मुझे ही गलत साबित कर रहे हो।
राहुल- नहीं ,मैं तो बस दोस्ती चाहता हूं और कुछ नहीं।
प्रिया -मै बात नहीं कर सकती। अपने पति को धोखा नहीं दे सकती। और वैसे भी मेरे पास इतना टाइम नहीं है कि मैं बेफिजूल लोगों से बात करूं ।
राहुल - तो कर क्यों रही हो?
(प्रिया एक पल को सहम गई। क्यों बात कर रही है एक अजनबी से? क्यों नहीं तुरंत ब्लॉक कर दिया हमेशा तो कर देती है? प्रिया ने फोन अलग रख दिया। वह सोच में पड़ गई और फिर एक नई कहानी बिजली की तरह उसके दिमाग में कौंध गई।)
`बस फिर क्या था मुझे तुरन्त ये विचार आया कि क्यों न इस पर एक कहानी लिखी जाए और मैने उस चैटिंग को आगे बढ़ाया। हालांकि मैं मेसेज नहीं करती तब भी वो करता, प्रिया ने दीपक की तरफ मुस्कुराते हुए देखा। जब कई दिनों तक मेरा मैसेज नहीं गया तो फिर उसने किया, प्रिया ने हंसते हुए कहा।
राहुल -तुम जवाब क्यों नहीं देती? डरती हो क्या कि तुम्हे मुझसे प्यार हो जाएगा?
राहुल -तुम सचमुच पता नहीं कैसी हो? अपने पति से डर रही हो क्या?
राहुल - बोलो।
प्रिया- नहीं,मैं डरती नहीं हूं। प्यार करती हूं। और वैसे भी वो हिटलर तो हैं नहीं।
राहुल - बकवास मत करो मेरे सामने,समझी।
प्रिया- तुम्हे बकवास लगता है लेकिन सच तो यही है। तुम क्यों परेशान हो रहे हो?
राहुल -मैं परेशान नहीं हूं,बस बार-बार अपने पति का जिक्र मत किया करो।
प्रिया - अब है तो करूंगी। तुम्हारी शादी नहीं हुई अभी तक?
राहुल -नहीं करनी।
प्रिया - क्यों?
राहुल -बस ऐसे ही।
प्रिया- मम्मी पापा कहा हैं तुम्हारे?
राहुल -हैं ,लेकिन मैं साथ नहीं रहता। अकेले रहता हूं ।
प्रिया -तो ऐसा करो,शादी कर लो बिजी हो जाओगे।
राहुल- तुम मुझे ज्ञान मत दो।
प्रिया -अरे, तो तुम मुझसे बात करके क्या करोगे?
राहुल- तुमसे बात करना अच्छा लगता है।
प्रिया -ठीक है तो मैं तुम्हारी बड़ी बहन।
राहुल -भाई नहीं हूं मैं तुम्हारा और न ही तुम मेरी बहन। घर पर जितनी हैं काफी हैं। 
प्रिया -तो क्या हो ?
राहुल -जो तुम मानो।
प्रिया -तुम कुछ नहीं हो मेरे।
राहुल-दोस्त भी नहीं?
प्रिया -दोस्त क्या होता है? लड़का लड़की कभी दोस्त नहीं होते।
राहुल -तुम्हारे दिमाग में गंदगी भरी है।
प्रिया -सुनो ,अपना दिमाग सही रखो नहीं तो अभी ब्लॉक कर दूंगी।
राहुल- कर दो ब्लॉक। धमकी मत दो। मैं ही तुम्हें अनफ्रेंड कर देता हूं।
प्रिया -ठीक है, अब मेसेज मत करना।
(प्रिया ने मैसेज करना बंद कर दिया जो राहुल बर्दाश्त नहीं कर पा रहा था। उसने फिर मेसेज किया।)
राहुल- मुझे माफ कर दो। प्लीज, मुझसे बात करो। मैं अपनी गलती मानता हूं।
प्रिया- तुम कितनी भी माफ़ी मांगो लेकिन तुम मेरे कुछ नहीं हो। मैं शादीशुदा हूं।मेरा परिवार है। बच्चे हैं और वहीं मेरी दुनिया। तुम इस सच को स्वीकार कर लो तो अच्छा है।
राहुल- मैं प्यार करता हूं तुमसे।
प्रिया- मै अपने पति से प्यार करती हूं।
इतना कहकर प्रिया ने राहुल शर्मा का अकाउंट ब्लॉक कर दिया और `फेसबुक का इकतरफा प्यार' हमेशा के लिए फेसबुक पर दफ़न हो गया।

डॉ. शालिनी सिंह
गोमती नगर, लखनऊ

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