मैं भारत हूं
मैं भारत हूं, मैं भारत हूं ,मैं भारत हूं , भारतीय सभ्यता संस्कृति की मैं विरासत हूं , मैं भारत हूं।
मैं भारत हूं, मैं भारत हूं ,मैं भारत हूं ,
भारतीय सभ्यता संस्कृति की मैं विरासत हूं ,
मैं भारत हूं।
शुन्य से शुन्य की ओर मैं ही ले जाता हूं,
रामायण, महाभारत जैसे महाकाव्य का मैं ज्ञाता हूं ।
सौ अपराधों पर क्षमा करना मैं सिखाता हूं,
मैं भारत हूं सहिष्णुता का पाठ मैं पढ़ाता हूं।
गोरी गजनबी के अहंकार को मैंने ही ललकारा था,
विश्व विजेता सिकंदर मेरी ज़मीं पर ही हारा था।
चित्तौड़गढ़ की धरती आज भी गीत पद्मिनी के जौहर के गाती है,
नारी के सम्मान की बात हो तो आग भी पानी हो जाती है।
मेरा धर्म अच्छा है तो तुम्हारा भी बुरा नहीं,
जो धर्म दूसरों से घृणा करें वह धर्म बड़ा नहीं,
शिकागो में बोले जब विवेकानंद तो सारे दिग्गज डोल गए,
स्वामी भारतीय सभ्यता संस्कृति के सारे पट खोल गए।
वेदों की ओर तुम लौटो स्वामी दयानंद सरस्वती ने हमें चेताया था,
राजा राममोहन राय ने समाज में फैली कुरीतियों को बाहर का रास्ता दिखाया था।
आजादी की स्वर्ण जयंती आज मैं मना रहा,
नम आंखों से मैं अपने शहीद बेटों की गाथा गा रहा,
कुछ ने रक्त दिया तो कुछ देने को तत्पर है,
सीमा पर खड़ा हर सैनिक मेरी रक्षा के लिए अग्रसर है।
पंचशील के सिद्धांतों पर मैं चलता हूं,
गुटनिरपेक्षता की नीति का समर्थन करता हूं,
युद्ध में मैं पहल नहीं करता, शांतिदूत कहलाता हूं,
जो करे पहल मैं घर में घुसकर सबक सिखाता हूं।
विविधता में एकता यही मेरी पहचान है,
कश्मीर से कन्याकुमारी, बंगाल से गुजरात तक मेरा प्यारा जहान है।
अंजना चौधरी
What's Your Reaction?