जुगाड
वोट पडने के बाद जीत को लेकर किसी ने कुछ उलटसुलट बोला तो रहीम ने उसका काल पकड लिया । तेरी ये मजाल ...हमारे भाई को कुछ कहे । बात की बात में लाठी ईंटा पत्थ चल गये ।
चुनाव के दिन । रैलियों और चुनाव सभाओं का दौर । मटिया महल के चौंक में सजी विशाल सभा में नेता जी जोशीला भाषण दे रहे थे । लोग मंत्रमुग्ध होकर उनका चेहरा देख रहे थे । अचानक नेताजी की नजर भीङ में बैठे रहीम पर पडी ।
अगले ही पल कार्यकर्त्ता उसे उठा कर मंच पर ले आये थे । इससे पहले कि वह कुछ समझ पाता , नेताजी ने उसे गले लगा लिया । भीड में नेताजी की जय के नारे गूंजने लगे थे । सभा की समाप्ति पर नेताजी ने उसे शाम को गैस्ट हाऊस आने का निमंत्रण दिया और वह चार बजतेबजते गैस्ट हाऊस पहुँच गया ।
ये पचास लेडिस सूट और ये तीस रम जिसको चाहे दो और ये दो सौ रखो , अपना नया कमीज पैजामा सिलवा लेना । देखना तुम्हारी गली के सारे वोट ......तुम्हारे भाई की इज्जत का सवाल है ।
वोट पडने के बाद जीत को लेकर किसी ने कुछ उलटसुलट बोला तो रहीम ने उसका काल पकड लिया । तेरी ये मजाल ...हमारे भाई को कुछ कहे । बात की बात में लाठी ईंटा पत्थ चल गये ।
थोडी देर बाद रहीम बुरी तरह से घायल अस्पताल में भरती था । उसके कई साथी भी घायल हुए थे । विरोध करने वाले पुलिस लाक अप पहुँच चुके थे । दोनों पार्टियां अपने अपने नेता को फोन मिलाने की कोशिश कर रही थी पर दोनों नेताओं के फोन आउट आफ कवरेज एरिया हो गये थे . नेताजी मंत्री पद की जुगाड लगाने राजधानी में थे और विपक्षी नेता हार का गम भुलाने की जुगाड में ।.
स्नेह गोस्वामी
What's Your Reaction?