पूजा करो गणेश
सर्व काज संपूर्ण हो, पूजा करो गणेश। पूजनीय यह देव हैं, माने गये विशेष।
सर्व काज संपूर्ण हो, पूजा करो गणेश।
पूजनीय यह देव हैं, माने गये विशेष।
माता प्यारी पार्वती, पिता श्री रूद्र नाथ।
बहना अशोक सुंदरी, भाई कार्तिय साथ।
हैं रिद्धि-सिद्धि पत्नियां, बेटे हैं शुभ लाभ।
रहें मूषक सवार प्रिय, मुख मंडल पर आभ।
उमा मां नहाने गई, करी शक्ति अवतार।
तपी सुत अवतरित किया, दे रक्षा का भार।
आए भोले नाथ जी, मिलने गौरी पास।
देख द्वार बालक खड़ा, चतुर विवेकी खास।
बालक बोला रोक कर, रुको कौन हैं आप?
नहा रही मम मात है, अंदर जाना पाप।
भूल हुई क्रोधित हुए, भर भोला हुंकार।
युद्ध हुआ घनघोर था, तब दिया सिस उतार।
दौड़ी आई पार्वती, देखा सुत सहार।
पकड़ कलेजा रो पड़ी, करती चींख पुकार।
गूंजा तीनों लोक में, माता किया अलाप।
कैसी लीला नाथ जी, खेल रहे हैं आप।
शीश गजानन का धरा, किया पुत्र उद्धार।
नाम गजानन रख दिया, बढ़ा नेह आपार।
गणपति है मंगलमयी, शुभ है इनका नाम।
जो करें भक्ति प्रेम से, पूरे होंते काम।
रिद्धि सिद्धि भार्या लिए, पधारिये गज राज।
आप की वंदना करूँ, पूरे करिये काज।
शिव सन्याल मकड़ाहन
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