बाँस की  हर इक टहनी बांसुरी नहीं होती ...

Jan 24, 2025 - 19:10
Feb 9, 2025 - 13:42
 0  13
बाँस की  हर इक टहनी बांसुरी नहीं होती ...
जय माँ शारदे ! 
बाँस की  हर इक टहनी बांसुरी नहीं होती ,
आदमी की हरेक ख्वाहिश पूरी नहीं होती। 
कुछ न कुछ  रह ही जाता है बाकी ,
दूसरा अवसर  हमें मिल पाए ताकि ,
जब  तक है अधूरी  आस जीवन में ,
जिन्दा होने का विश्वास है जीवन में ,
हरेक शाम जीवन की कभी सिंदूरी नहीं होती। 
जब भी सारे सपने हो जाते हैं पूरे , 
जीवन के साधारण दिन लगते बुरे ,
जीवन में अगर रखना है उल्लास ,
अधूरे लक्ष्यों को रखो अपने पास ,
बिना अधूरे सपनों के जिंदगी पूरी नहीं होती। 
सब के पास  होता है हुनर ख़ास ,
आपको ये होना चाहिए एहसास ,
ईश्वर ने बनाया सब  को अनुपम ,
ईश्वर की  सर्वश्रेष्ठ कृति  हो तुम ,
हंसने के लिए दुनिया की मुहर जरूरी नहीं होती। 
अपूर्व "आकर्षण "

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow