एक पिता की आवाज़

Ek Pita ki awaz

Nov 30, 2023 - 14:12
Dec 11, 2023 - 12:11
 0  31
एक पिता की आवाज़

मेरे काँधे पर रखी है तुम्हारी कई रातों की नींदें और ख़वाहिशों के कई बस्ते 

झुक कर जो मैंने थामीं उँगलियाँ तुम्हारी 

उस प्रेम की गठरी भी है रखी हुई मेरी कमर पर 

कभी उठा कर हवा में मैंने,तुम्हारे ख़्वाबों को जो मैंने उड़ान दी 

उसका विस्तार भी है मेरे काँधे पर 

सब तो मुझ पर ही रहा 

तुम्हारी जमीं भी,  तुम्हारा आसमान भी 

इसलिए उसे सम्भालते हुए 

अब ज़रा सा झुक गया हूँ मैं 

नही,मैं बूढ़ा नही हुआ हूँ !

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow