नव वर्ष
भूल कर बीती बातों को एक नया मुकाम हासिल हो
नव वर्ष में नई पहल हो
कठिन जिंदगी और सरल हो
जो रही अनसुलझी पहेली
अब शायद उसका भी हल हो!!
भूल कर बीती बातों को
एक नया मुकाम हासिल हो
प्रेम के दीपक स्नेह की बाती
आँगन हमेशा दीप से जगमगाया हो!!
स्वर्ण रशिमयाँ बाँध लड़ी हो
उषा प्राची द्वार खड़ी हो
केसर घोल रहा है सूरज
अभिनंदन की नवल घड़ी हो!!
नव वर्ष स्वागत है तुम्हारा
खुशियों की चाहत नया जोश, नया उल्लास हो
मसला तो जिंदगी मे सुकून का है
बस यह सुकून सब के पास हो!!
नैतिकता के मूल्य, अच्छी-अच्छी बातें हो
ना कोई नंगा, ना कोई भूखा हो
दे दो जिंदगी मे उनके भी बरकत
जो सिवा फुटपाथ के, झोपड़ी तक ना देखा हो!!
नव निष्ठा, नव संकल्प
संग रहें, नव अनुष्ठान हो
पर्वत जैसा अडिग भरोसा
धरती जैसी धीर महान हो!!
सुख सपने होंगे साकार
नव वर्ष आया है द्वार..
राज कुमारी
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