विमला गुज्याल जी(आईपीएस) (महिलाओं की प्रेरणा उत्तराखंड की प्रथम महिला महा निरीक्षक आईजी ऑफिसर)
उनकी सेवाओं और योगदान को देखते हुए विमला गुंज्याळ जी को कई पुरस्कारों और सम्मानों से सम्मानित किया गया है वह उत्तराखंड के लोगों के बीच एक लोकप्रिय और सम्मानित महिला हैं, विमला गुंज्याल जी की कहानी अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा स्रोत है जो अपने जीवन में कुछ ना कुछ करना चाहती हैं अपना कैरियर बनाना चाहती हैं.

विमला गुंज्याळ जी उत्तराखंड की प्रथम आईपीएस अधिकारी हैं, जो देहरादून उत्तराखंड से हैं वह अपनी ईमानदारी,निष्पक्षता और उत्कृष्ट पुलिससिंग के लिए जानी जाती हैं. विमला गुंज्याल ने उत्तराखंड कैड़र में आईपीएस अधिकारी के रूप में अपनी सेवाएं दी हैं, विभिन्न पदों पर कार्य किया है वह अपनी बेबाकी और निडरता के लिए जानी जाती हैं.
उनकी सेवाओं और योगदान को देखते हुए विमला गुंज्याळ जी को कई पुरस्कारों और सम्मानों से सम्मानित किया गया है वह उत्तराखंड के लोगों के बीच एक लोकप्रिय और सम्मानित महिला हैं, विमला गुंज्याल जी की कहानी अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा स्रोत है जो अपने जीवन में कुछ ना कुछ करना चाहती हैं अपना कैरियर बनाना चाहती हैं.
विमला गुज्याल उत्तराखंड की पहली महिला जेल अधीक्षक (जेल अधिकारी) हैं वह एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व है जिन्होंने अपने करियर में उत्कृष्टता हासिल की है. विमला गुज्याल जी की नियुक्ति और उनके कार्यो ने उत्तराखंड में महिला सशक्तिकरण और लैंगिक समानता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है वह अन्य महिलाओं के लिए एक आदर्श हैं जो अपने करियर में आगे बढ़ना चाहती हैं.
विमला गुंज्याळ जी का जन्म उत्तराखंड में हुआ था, उन्होंने अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद उत्तराखंड पुलिस सेवा में भर्ती हुई और जेल अधीक्षक के पद पर नियुक्त हुई. विमला गुंज्याल जी की नियुक्ति उत्तराखंड की पहली महिला जेल अधीक्षक के रूप में हुई थी जो एक महत्वपूर्ण उपलब्धि थी. उन्होंने अपने कार्यकाल में कई चुनौतियों का सामना किया और अपने काम को ईमानदारी और निष्ठा से किया.
विमला गुंज्याल जी उत्तराखंड की पहली महिला जेल अधीक्षक के रूप में अपने कार्यों के लिए जानी जाती हैं. उनके कुछ प्रमुख कार्यों में शामिल कार्य इस प्रकार हैं.
१. जेल सुधार : उन्होंने जेल में सुधार के लिए कई पहल की जैसे कि कैदियों के लिए शिक्षा और कौशल विकास कार्यक्रम.
२. महिला कैदियों का समर्थन: उन्होंने महिला कैदियों के लिए विशेष सुविधाएं और समर्थन प्रदान करने के लिए काम किया.
३. जेल में सुरक्षा और अनुशासन: उन्होंने जेल में सुरक्षा और अनुशासन बनाए रखने के लिए कई कदम उठाए.
४. समाज में जागरूकता: उन्होंने समाज में जेल सुधार और महिला सशक्तिकरण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए काम किया.
विमला गुंज्याळ जी के कार्यो ने उत्तराखंड की कार्य प्रणाली में सुधार लाने और महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई हैं, मैं लेखक रूपाली वशिष्ठ भी विमला गुंज्याल जी को अपना प्रेरणा स्रोत मानती हूं.
रुपाली वशिष्ठ
उत्तराखंड
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