मां
ममता मीठी खांड सी। ममता है अंबार ।
ममता की महक नारी
ममता की पहचान
नारी जग में वंदन है
सदा रहे यह मान।
लोरी में जीवन बसा।
मन में प्रेम छाया
मां ममता की मूरत
हृदय प्रेम समाया ।
ममता मीठी खांड सी।
ममता है अंबार ।
मां बिन कौन सहारा
सूना लागे संसार।
माया तो है जग बसी।
ममता सब संसार
मां का साया सर नहीं।
जीवन है मझधार ।
सरिता सिंह
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