John Kkeats in Hindi | जॉन कीट्स – कविताओं का जादूगर

कीट्स ने इन सब परिस्थितियों के बीच फैनी ब्रॉन के लिए कविता लिखी: ‘ब्राइट स्टार’। यह उनकी सबसे मशहूर कविताओं में से एक है। इसके बाद जैसे रचनात्मक विस्फोट हुआ और एक के एक बाद कविताएं आने लगीं। जिनमें से तीन प्रसिद्ध ओड या गीतों के लिए कीट्स को आज भी हैरत से याद किया जाता है, वे उन्हीं महीनों में लिखे गए थे।

Mar 20, 2025 - 12:26
Mar 20, 2025 - 12:42
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John Kkeats in Hindi | जॉन कीट्स – कविताओं का जादूगर
magician of poems

John Kkeats in Hindi : लोग ज़िंदगी-भर काम करते हैं और प्रयास करते हैं कि कुछ ऐसा करें कि उनका नाम हो जाये फिर भी उनका नाम इतिहास के पन्नों पर दर्ज नहीं होता। जॉन कीट्स एक ऐसे कवि थे जिसने महज़ 5 साल संजीदगी से लेखन किया और उन्हें दुनिया के महानतम कवियों में से एक माना गया।  अंग्रेजी रोमांटिक कवि जॉन कीट्स का जन्म 31 अक्टूबर 1795 को लंदन में हुआ था। वे चार बच्चों में सबसे बड़े थे, उन्होंने कम उम्र में ही अपने माता-पिता दोनों को खो दिया था। उनके पिता एक अस्तबल में काम करते थे लेकिन उनकी मृत्यु तभी हो हो गयी जब कीट्स आठ वर्ष के थे। उसके छह साल बाद ही उनकी माँ तपेदिक से मर गईं। उनकी माँ की मृत्यु के बाद, कीट्स की नानी ने लंदन के दो व्यापारियों, रिचर्ड एबे और जॉन रोलैंड सैंडेल को बच्चों का संरक्षक नियुक्त किया। एबे, जो एक समृद्ध चाय दलाल थे, ने इस जिम्मेदारी का बड़ा हिस्सा संभाला, जबकि सैंडेल ने केवल एक छोटी सी भूमिका निभाई। जब कीट्स पंद्रह वर्ष के थे, तब एबे ने उन्हें क्लार्क स्कूल, एनफील्ड से एक अपोथेकरी-सर्जन (इसे एक कम्पाउण्डर जैसा समझ सकते हैं) के साथ प्रशिक्षुता करने और लंदन के एक अस्पताल में चिकित्सा का अध्ययन करने के लिए भेज दिया। 1816 में कीट्स एक लाइसेंस प्राप्त अपोथेकरी बन गए, लेकिन उन्होंने कभी भी अपने पेशे का अभ्यास नहीं किया, इसके बजाय उन्होंने कविता लिखने का फैसला किया।


कीट्स की पहली प्रकाशित कविता, सॉनेट 'टू सॉलिट्यूड', 5 मई 1816 को द एग्जामिनर अख़बार में छपी, अगले अक्टूबर में उन्होंने अख़बार के संपादक लेह हंट से मुलाक़ात की, जिन्होंने कहा कि वे कीट्स के लेखन की गुणवत्ता से 'काफ़ी आश्चर्यचकित' थे। हंट का लेख, 'यंग पोएट्स', 3 दिसंबर को द एग्जामिनर में छपा, जिसने कीट्स (और पर्सी शेली) को व्यापक रूप से लोगों के ध्यान में लाया। कीट्स की कविताओं का पहला खंड मार्च 1817 की शुरुआत में प्रकाशित हुआ, जिस समय तक उन्होंने कविता से अपना जीवन यापन करने के लिए चिकित्सा करियर को त्यागने का फ़ैसला कर लिया था। जॉन कीट्स की कविताओं में चार खंडों में प्रस्तुत 30 कविताएँ शामिल थीं, और उनकी महत्वाकांक्षी आत्मकथात्मक कविता 'स्लीप एंड पोएट्री' के साथ समापन हुआ, जिसमें वे कल्पनाशील उपलब्धियों के 'महान जीवन' की ओर देखते हैं। पुस्तक में निर्विवाद प्रतिभा की एक कविता भी शामिल थी, सॉनेट 'ऑन फ़र्स्ट लुकिंग इन टू चैपमैन होमर'। बाद में उसी वर्ष ब्लैकवुड्स मैगज़ीन ने निबंधों की एक श्रृंखला शुरू की, जिसमें लेखक लेह हंट से जुड़े 'कॉकनी स्कूल' के कवियों और निबंधकारों की निंदा की गई, जिनमें कीट्स भी एक थे। अंग्रेज़ी का साहित्य-जगत उनकी कविताओं को लगभग नापसंद करता था। इतने बुरे शब्दों में उनकी आलोचना होती कि पढ़कर कीट्स अवसादग्रस्त हो जाते थे।


उनके सबसे छोटे भाई टॉम तपेदिक से गंभीर रूप से बीमार थे। कीट्स का बहुत सारा समय अपने भाई की देखभाल में चला जाता था। दिसम्बर 1818 को अपने भाई की मृत्यु के बाद कीट्स अपने मित्र चार्ल्स आर्मिटेज ब्राउन के साथ वेन्टवर्थ प्लेस में रहने चले गए जो अब कीट्स हाउस हैम्पस्टेड है। उसी बरस, 18 साल की फैनी ब्रॉन कीट्स के करीब आईं और संयोग से, वे पड़ोसी बन गए। फैनी, कीट्स की कविताएं पढ़ती और पसंद करती थीं। इस नाते उनमें बात-चीत और मुलाकात होती रही, लेकिन कीट्स अपने भाई की देखभाल में इतने उलझे थे कि फैनी के बारे में सोचने की फुरसत ही नहीं थी। जल्द ही भाई की मृत्यु हो गई। अकेलेपन को दूर करने का उपाय उन्हें फैनी के संग-साथ में मिला। मातम में डूबे अपने मन को काबू करने की उनकी तमाम कोशिशें नाकाम रहीं और उन्हें फैनी से प्यार हो गया। वह उससे शादी करना चाहते थे, लेकिन खुद की रोटी के लाले थे, परिवार कैसे बनाते। गरीबी, बेरोजगारी, काम पाने की कोशिशें और असफलताएं। इन सबके बीच, कविता में कुछ बड़ा काम करने का ख्वाब और परवान चढ़ती मुहब्बत।

कीट्स ने इन सब परिस्थितियों के बीच फैनी ब्रॉन के लिए कविता लिखी: ‘ब्राइट स्टार’। यह उनकी सबसे मशहूर कविताओं में से एक है। इसके बाद जैसे रचनात्मक विस्फोट हुआ और एक के एक बाद कविताएं आने लगीं। जिनमें से  तीन प्रसिद्ध ओड या गीतों के लिए कीट्स को आज भी हैरत से याद किया जाता है, वे उन्हीं महीनों में लिखे गए थे।
 
जॉन कीट्स (31.10.1795 – 23.02.1821)
1819 उनके जीवन का सबसे उपजाऊ समय था, जिसकी शुरुआत जनवरी में 'द ईव ऑफ सेंट एग्नेस' से हुई; यह कविता उनकी परिचित इसाबेला जोन्स ने सुझाई थी, और उन्होंने इसे इंग्लैंड के दक्षिणी तट पर हैवेंट के पास ओल्ड मिल हाउस, बेडहैम्पटन में लिखा था। 'ला बेले डेम सेन्स मर्सी' इसके बाद आई, और मई का महीना 'ओड टू ए नाइटिंगेल' का महीना था। वह अपने महाकाव्य, 'हाइपरियन' पर भी काम कर रहे थे, और गर्मियों के महीनों में उन्होंने 'लामिया' पूरा किया। अब तक अपने 'ब्राइट स्टार' फैनी ब्रॉन के जादू के तहत, उन्होंने इस समय अपना प्रसिद्ध सॉनेट भी लिख लिया होगा। 1819 के सितंबर के दौरान विनचेस्टर में रहते हुए, उन्होंने यकीनन अपनी सबसे बड़ी कविता, 'टू ऑटम' लिखी, जिसकी शुरुआती पंक्तियाँ प्रसिद्ध हो गई हैं:


कोहरे और मधुर फलदायकता का मौसम,
परिपक्व होते सूर्य का घनिष्ठ मित्र।।।

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जुलाई 1820 में, उन्होंने अपनी तीसरी और सर्वश्रेष्ठ कविता की मात्रा, लामिया, इसाबेला, द ईव ऑफ सेंट एग्नेस, एंड अदर पोएम्स प्रकाशित की । प्राचीन, मध्ययुगीन और पुनर्जागरण काल के पौराणिक और पौराणिक विषयों से निपटने वाली तीन शीर्षक कविताएँ कल्पना और वाक्यांशों में समृद्ध हैं। इस खंड में अधूरा "हाइपरियन" और अंग्रेजी भाषा की सबसे बेहतरीन मानी जाने वाली तीन कविताएँ, "ओड ऑन ए ग्रीसियन अर्न", "ओड ऑन मेलानचली," और "ओड टू ए नाइटिंगेल" भी शामिल हैं। पुस्तक को हंट, शेली, चार्ल्स लैम्ब और अन्य लोगों से उत्साही प्रशंसा मिली और अगस्त में एडिनबर्ग रिव्यू के प्रभावशाली संपादक फ्रांसेस जेफरी ने नई किताब और एंडिमियन दोनों की प्रशंसा करते हुए एक समीक्षा लिखी ।

हालाँकि, अब तक स्पष्ट संकेत मिल चुके थे कि वह गंभीर रूप से बीमार थे, अपनी माँ और भाई टॉम की तरह 'पारिवारिक बीमारी', तपेदिक ने घातक रूप से कीट्स को घेर लिया था। सितंबर 1820 में वह इटली के लिए रवाना हुआ, इस उम्मीद में कि रोम में हल्का सर्दी का मौसम उसे ठीक होने में मदद करेगा। एक पुराने दोस्त, चित्रकार जोसेफ सेवर्न, वफादारी से कीट्स के साथ थे और 23 फरवरी 1821 को रोम में उनकी मृत्यु के समय उनके बिस्तर के पास थे। कीट्स को शहर के गैर-कैथोलिक कब्रिस्तान में दफनाया गया था। मरते समय कीट्स ने अपने दोस्त से कहा, ‘अभी-अभी तो जीना शुरू किया था। अंदाजा नहीं था कि मौत इतनी जल्दी आ जाएगी। जब मैं मरूं तो मेरी कब्र पर लिखवाना: ‘यहां वह आदमी सोया है, ईश्वर ने जिसका नाम पानी पर लिखा था।’

कीट्स की मृत्यु की सूचना फैनी को एक महीने बाद मिली। फैनी सात साल तक शोक मनाती रही। लोगों के समझाने पर कीट्स की मृत्यु के 12 साल बाद फैनी ने शादी की और उनके 3 बच्चे हुए और 1865 में फैनी की भी मृत्यु हो गयी थी। फैनी के बच्चों के अलावा कीट्स के साथ फैनी के प्रेम की बात किसी को नहीं पता थी। बच्चों ने तय किया कि जब तक पिता जिंदा हैं, इसे राज ही रखा जाए। 1872 में उन बच्चों ने फैनी के नाम लिखे कीट्स के खत दुनिया के सामने रख दिए और यह ‘छोटी-सी लव स्टोरी’ उजागर हुई।

फैनी के साथ कीट्स ने महज एक साल का समय गुजारा था। उनके रिश्ते में कोई नाटकीय उतार-चढ़ाव, घटनाएं या मोड़ नहीं थे। इसके बावजूद, वह यादगार प्रेम है। कविता में आई उनके प्रेम की अनुभूतियां, मरते समय उनके मुंह से निकले खून जितनी ही गाढ़ी थीं। जीते-जी उनकी किताबों की सिर्फ 200 प्रतियां बिकी थीं, आज लाखों बिकती हैं। कीट्स की महानता में उनकी प्रतिभा ही नहीं, उनके प्यार का भी योगदान है। सच है कि मुहब्बत, मौत को नहीं जीत सकती, लेकिन वह इतनी गाढ़ी हो सकती है कि मरने के बाद भी उसकी आवाज गूंजती रहे। 

इस संसार ने एक महान उदीयमान कवि को मात्र 25 वर्ष की उम्र खो दिया। यह एक विचारणीय प्रश्न है कि कीट्स ने सिर्फ पांच साल के लेखन में कुछ ऐसा लिख दिया जिससे आजतक उनका नाम अमिट है तो सोचिये अगर उन्हें कुछ साल लेखन को और मिलते तो साहित्य जगत को कितना लाभ होता । अभी पिछले महीने ही उनका जन्मदिन गुजरा है उनको हम सबकी ओर से नमन और श्रधांजलि । 

रचना दीक्षित | ग्रेटर नॉएडा 

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