देश की ऊर्जा !

किसी भी देश की नई पीढ़ी उस देश की उम्मीद हुआ करती है ।
नारी और नर के रूप में उस देश की उमंग और ऊर्जा हुआ करती है ।
देश के विभिन्न विकास कार्यों की साँसे उनके सहारे स्पंदित होकर ।
जिनके सहारे से अभिनव योजनाएँ नित नये सोपान चढ़ा करती हैं ।
उनका शैक्षणिक, शारीरिक, मानसिक, सांस्कृतिक और सामाजिक प्रशिक्षण ।
देश की अग्रज कौम की जिम्मेदारी है , जिनके सहारे से नई पीढ़ी परवान चढ़ा करती है ।
किसी भी देश की नई पीढ़ी उस देश की उम्मीद हुआ करती है ।
देश के हर एक नागरिक का सर्वोपरि एक मुख्य कर्तव्य हुआ करता है ।
हर देश जिसके लिए अपने नागरिकों से बिना शर्त अपेक्षा करता है ।
जैसे , किसी देश के सैनिक , उस देश की सीमाओं के प्रहरी हैं ।
उसी रूप में नई पीढ़ी से हर देश की आशाओं की जड़ें बहुत गहरी हैं ।
इस भरोसे का मूल आधार , जन्म सिद्ध अधिकार , देश की स्थिरता हुआ करती है ।
जिनके सहारे से अभिनव योजनाएँ नित नये सोपान चढ़ा करती हैं ।
किसी भी देश की नई पीढ़ी उस देश की उम्मीद हुआ करती है ।
शत - प्रतिशत तो मिलता नहीं , हर युवा योद्धा तो बनता नहीं ।
ऊर्जा होती है छुपी हुई , नई पीढ़ी का हर अंश भी कहाँ हर कसौटी पर खरा उतरता है ।
फिर भी नये दिन के सूर्य के उदय के साथ , आशा की नई किरण खिलती है ।
योजना बनती है , क्रियान्वयन होता , सपनों का आधार उनका स्वरूप होता है ।
देश के विभिन्न विकास कार्यों की साँसे उनके सहारे स्पंदित होकर ।
जिनके सहारे से अभिनव योजनाएँ नित नये सोपान चढ़ा करती हैं ।
लेखक - डॉ अरुण कुमार शास्त्री (पूर्व निदेशक , आयुष - दिल्ली )
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