गीत

गुमसुम बैठकर न आसमां देखते रहिये अंधेरे में बिन चांद के तारों से न पूछिये।

Sep 6, 2024 - 13:01
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गीत
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गुमसुम बैठकर न आसमां देखते रहिये
अंधेरे में बिन चांद के तारों से न पूछिये।
आज क्यूं फिर चांद छत पर न निकला,
बात कोई दिल की हमको भी बताया कीजिये।।

तममन्नाओं से खूबसुरत जिंदगी को सजाया कीजिये
गम भी आ जाय तो खुशियों से दिल बहलाया कीजिये।
गर बात औरों की न  सही हो तो ज्यादा अच्छा
बात अपने दिल की हमको भी बताया कीजिये।।

मंजिल की ओर कदम सदा बढ़ाते रहिये
राह में वो चाहत जरा दिल में.जगाते चलिये।
खामोशी आ जाय तो भी मुस्कान सजाये रखिये
बात दिल की अपनी हमको भी जरा बताया कीजिये।।

इश्क करना है गर जरुरी किसी से यहां
इसे फरमा के दिल से न ठुकराया कीजिये।
दिल की वो आवाज कोई सुने या न सुने
बात दिल की भी जरा हमको बताया कीजिये।।

ललन चौधरी 

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