कैंसर के लक्षण, कारक और निदान (विश्व कैंसर दिवस (4 फरवरी) पर विशेष डा रवीन्द्र दीक्षित 

यदि आपको कैंसर का पता चला है, तो हैरान, उदास, क्रोधित या चिंतित महसूस करना सामान्य है। लेकिन आप अपना ख्याल और अच्छी तरह से रखें, सक्रिय रहें, पौष्टिक आहार ले, किसी भी दर्द या नींद की समस्या से निपटने में मदद के लिए अपने डॉक्टर से बात करें और सबसे बड़ी बात अपने वित्त और अन्य मामलों का प्रबंधन ठीक से कर लें, क्योंकि कैंसर का उपचार लम्बा चलता है, दवाएं भी महंगी है और घर वालों का साथ और सहयोग भी आवश्यक है ।      

Mar 21, 2025 - 12:03
Mar 21, 2025 - 12:07
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कैंसर के लक्षण, कारक और निदान (विश्व कैंसर दिवस (4 फरवरी) पर विशेष डा रवीन्द्र दीक्षित 
Symptoms, factors and diagnosis of cancer (Special on World Cancer Day (4 February) Dr. Ravindra Dixit

  इस बार मैं ऐसी बीमारी के बारे में जानकारी लेकर आया हूँ जिसके नाम से ही घबराहट होने लगती है और लगने लगता है कि अब मृत्यु नजदीक है। ऐसा इसलिए है की यह बीमारी जटिल है, उपचार कठिन है, परेशान करने वाला है और खर्चीला भी है। जी! मैं बात कर रहा हूँ कैंसर की। जैसे हमारा घर ईटों को जोड़कर बनता है लगभग उसी तरह हमारा शरीर खरबों कोशिकाओं से बनता है। अंतर यह है की घर की ईंटें निर्जीव है परन्तु ये कोशिकाएं सजीव है और शरीर की तमाम जटिल प्रक्रियाएं इनके अन्दर हर समय चलती रहती हैं जिससे शरीर सुचारु रूप से काम कर पाता है।
          कैंसर शरीर में होने वाली एक असामान्य और खतरनाक स्थिति है। कैंसर तब होता है, जब शरीर में कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने और विभाजित होने लगती हैं। स्वस्थ कोशिकाएं शरीर की आवश्यकताओं के अनुसार बढ़ती और विभाजित होती हैं। कोशिकाओं की उम्र जैसे-जैसे बढ़ती या वे क्षतिग्रस्त होती हैं तब ये कोशिकाएं मर जाती हैं और  इनकी जगह नई कोशिकाओं का निर्माण होता है। जब किसी को कैंसर होता है, तो कोशिकाएं इस तरह से अपना काम करना बंद कर देती हैं। पुरानी और क्षतिग्रस्त कोशिकाएं मरने की बजाय जीवित रह जाती हैं और जरूरत नहीं होने के बावजूद भी नई कोशिकाओं का निर्माण होने लगता है। ये ही अतिरिक्त कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से विभाजित होती हैं, जिसके परिणामस्वरूप ट्यूमर होता है। अधिकतर कैंसर ट्यूमर्स होते हैं, लेकिन ब्लड कैंसर में ट्यूमर नहीं होता है। हालांकि, हर ट्यूमर कैंसर नहीं होता है। कैंसर शरीर के किसी भी हिस्से में विकसित हो सकता है। आमतौर यह आस-पास के ऊतकों) में फैलता है। असामान्य और क्षतिग्रस्त कैंसर कोशिकाएं शरीर के दूसरे भागों में पहुंचकर नए घातक व मैलिग्नेंट ट्यूमर बनाने लगती हैं।

       कैंसर बहुत प्रकार के होते है जो किस अंग में हो रहा है उससे मुख्यतः पहचाने जाते हैं। कैंसर सौ से भी अधिक प्रकार के होते हैं जिनमे से कुछ मुख्य प्रकार हैं - ब्रेस्ट कैंसर, ओवेरियन कैंसर, स्किन कैंसर, लंग कैंसर, कोलोन कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, लिंफोमा इत्यादि। इन सभी कैंसर के लक्षण और जांच एक-दूसरे से भिन्न होते हैं। पक्के तौर पर  एक डॉक्टर ही यह बता सकता है की आपकी बीमारी कैंसर है अथवा नहीं लेकिन शरीर में हो रहे कुछ बदलावों से यह अनुमान लगाया जा सकता है कि यह लक्षण कैंसर भी हो सकता है और शरीर के इन बदलावों के पीछे कैंसर नहीं है इसके लिए आपको तुरंत डाक्टरी सलाह लेनी चाहिए क्योंकि इस बीमारी का पता जितनी जल्दी चल जाय, उसका उपचार उतनी ही आसानी से कम खर्च में किया जा सकता है।
     

 चलिए देखते हैं उन लक्षणों को जिनसे कैंसर का अनुमान लगाया जा सकता है  

अचानक वजन कम होना: बिना कोई कारण नजर आए यदि आपका वजन तेजी से कम होने लगे, तो यह कैंसर के पहले संकेतों में से एक हो सकता है। अग्न्याशय (pancreas), पेट (Stomach cancer) या फेफड़ों में होने वाले कैंसर (Lung cancer) से पीड़ित लोगों में वजन कम होने की समस्या होती है। हालांकि, अन्य प्रकार के कैंसर से पीड़ित लोगों में भी वजन कम हो सकता है।

अत्यधिक थकान: सारा दिन थकान महसूस होना भी कैंसर के महत्वपूर्ण लक्षणों में शामिल है। ल्यूकेमिया (Leukemia), कोलन कैंसर (Colon cancer) होने पर थकान अधिक महसूस होती है।

गांठ: त्वचा में किसी भी तरह की गांठ या लम्प नजर आए, तो संभवत: यह कैंसर के लक्षण हो सकते हैं। स्तन कैंसर, लिम्फ नोड्स, सॉफ्ट ऊतक और अंडकोष (Testicles) में होने वाले कैंसर में आमतौर पर गांठ होते हैं।

त्वचा में बदलाव: यदि आपकी त्वचा का रंग बदलकर पीला, काला या लाल हो गया है, तो ये कैंसर का संकेत हो सकता है। इसके साथ ही शरीर के किसी भी हिस्से पर हुए मोल्स या मस्से के रंग और आकार में बदलाव नजर आए, तो इसे नजरअंदाज ना करें। इस बात पर भी गौर करें कि कोई भी घाव ठीक होने में अधिक समय तो नहीं ले रहा है हालाँकि इसके पीछे डायबिटीज भी एक कारण हो सकता है।

तेज दर्द: तीव्र दर्द आमतौर पर हड्डी या वृषण कैंसर (Bone Cancers Or Testicular Cancer) का शुरुआती लक्षण हो सकता है, जबकि पीठ दर्द कोलोरेक्टल (colorectal), अग्नाशय (pancreatic) या डिम्बग्रंथि के कैंसर (ovarian cancer) के संकेत होते हैं। जिन लोगों को मैलिग्नेंट ब्रेन ट्यूमर होता है, उनमें तेज सिरदर्द होने की शिकायत रहती है।

बाउल मूवमेंट और ब्लैडर फंक्शन में बदलाव: कब्ज, दस्त, मल में खून आना कोलोरेक्टल कैंसर के संकेत हो सकते हैं। पेशाब करते समय दर्द के साथ खून आना ब्लैडर (bladder cancer) और प्रोस्टेट कैंसर (prostate cancer) के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं।

लिम्फ नोड्स में सूजन: तीन से चार सप्ताह तक ग्रंथियों में सूजन (Swollen glands) बने रहना ठीक नहीं। लिम्फ नोड्स के आकार में वृद्धि भी कैंसर का संकेत होती है। 

एनीमिया (Anemia) : एनीमिया होने पर लाल रक्त कोशिका में भारी कमी आ जाती है। यह हेमटोलॉजिकल कैंसर का संकेत (hematological cancer) हो सकता है।
   

 आपके मन में यह प्रश्न आना स्वाभाविक है कि आखिर कैंसर होता ही क्यों है तो चलिए देखते है इसके पीछे के कुछ कारण यद्यपि अक्सर हम नहीं जानते कि कैंसर क्यों होता है। लेकिन कुछ चीजें ऐसी हैं जो आपके कैंसर के खतरे को काफी बढ़ा देती हैं।  कैंसर के प्रत्येक 9 मामलों में से 1 और कैंसर से होने वाली प्रत्येक 5 मौतों में से 1 के लिए धूम्रपान जिम्मेदार है। कुछ और कारण भी हो सकते है जैसे शराब पीना, ख़राब आहार या पौष्टिक आहार नियमित रूप से न खाना, अधिक वजन होना, पर्याप्त व्यायाम न करना, विकिरण के संपर्क में आना। कभी-कभी कैंसर परिवारों में भी चलता है। आपको ऐसे जीन विरासत में मिल सकते हैं जिनसे आपको कैंसर होने की अधिक संभावना है जिसे हेरीडिटरी भी कह सकते हैं। अन्य मामलों में, कैंसर किसी संक्रमण से जुड़ा होता है, उदाहरण के लिए, सर्वाइकल कैंसर कुछ प्रकार के ह्यूमन पैपिलोमावायरस (एचपीवी) संक्रमण से जुड़ा होता है। कुछ रसायनों और धूल के संपर्क में रहने से भी कैंसर होने का खतरा बढ़ सकता है।
 

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अब आप सोच रहे होंगे कि ऐसी बीमारी अगर हो ही जाय किसी को तो क्या करना चाहिए? यदि कैंसर का शीघ्र पता चल जाए तो इसके सफलतापूर्वक इलाज की संभावना बहुत अधिक है। अगर आपको शरीर में कोई भी बदलाव नजर आए तो तुरंत अपने डॉक्टर से मिलें। कैंसर का निदान करने के लिए विभिन्न परीक्षणों का उपयोग किया जाता है। ये समस्या के स्थान और आपके लक्षणों पर निर्भर करते हैं। परीक्षणों में रक्त परीक्षण, एक्स-रे, सीटी स्कैन, एमआरआई स्कैन या अल्ट्रासाउंड शामिल हो सकते हैं। कभी-कभी डॉक्टर आपके शरीर के अंदर देख सकता है। यह एक एंडोस्कोप के द्वारा किया जाता है, एक लंबी ट्यूब जिसके अंत में एक प्रकाश और कैमरा जुड़ा होता है उसे शरीर में डाल कर ऐसा संभव हो जाता है।  

 कैंसर के इलाज के कई तरीके हैं । उपचार के तरीकों  में हर समय सुधार हो रहा है। आपके लिए सर्वोत्तम प्रकार का उपचार कैंसर के प्रकार और वह किस स्टेज में है, इस पर निर्भर करता है। कुछ उपचार विकल्पों में शामिल हैं:
कीमोथेरेपी : शक्तिशाली कैंसर-नाशक दवाएं
रेडियोथेरेपी : उच्च ऊर्जा एक्स-रे का नियंत्रित उपयोग कर प्रभावित कोशिकाओं को समाप्त कर देना 
सर्जरी: कैंसर से प्रभावित क्षेत्र को काट कर शरीर से निकाल देना 
इम्यूनोथेरेपी : उपचार जो कैंसर से लड़ने के लिए आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली के हिस्सों का उपयोग करता है
लक्षित थेरेपी: दवा जो केवल कैंसर को लक्षित करती है, आपके शरीर की अन्य कोशिकाओं को नहीं
हार्मोन थेरेपी: एक उपचार जो कैंसर के प्रसार को रोकने या धीमा करने के लिए हार्मोन का उपयोग करता है
स्टेम सेल प्रत्यारोपण: कुछ रक्त कैंसर के इलाज के लिए इसे अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण भी कहा जाता है  

यदि आपको कैंसर का पता चला है, तो हैरान, उदास, क्रोधित या चिंतित महसूस करना सामान्य है। लेकिन आप अपना ख्याल और अच्छी तरह से रखें, सक्रिय रहें, पौष्टिक आहार ले, किसी भी दर्द या नींद की समस्या से निपटने में मदद के लिए अपने डॉक्टर से बात करें और सबसे बड़ी बात अपने वित्त और अन्य मामलों का प्रबंधन ठीक से कर लें, क्योंकि कैंसर का उपचार लम्बा चलता है, दवाएं भी महंगी है और घर वालों का साथ और सहयोग भी आवश्यक है ।
     

 21 वीं सदी में कैंसर के प्रति जागरूकता बहुत महत्वपूर्ण हो गई है। इसके साथ ही कैंसर की समझ, निदान और उपचार में भी प्रगति हुई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, कैंसर से होने वाली 40 प्रतिशत मौतों को रोका जा सकता है। कैंसर की रोकथाम के बारे में जागरूकता बढ़ाना दुनिया भर के कई कैंसर और स्वास्थ्य संगठनों का एक प्रमुख लक्ष्य बन गया है और इसी लक्ष्य को हासिल करने के लिए विश्व कैंसर दिवस को प्रति वर्ष 4 फरवरी को मनाया जाता है। विश्व कैंसर दिवस का आयोजन यूनियन फॉर इंटरनेशनल कैंसर कंट्रोल (यूआईसीसी) द्वारा किया जाता है। इसलिए अपने शरीर में हो रहे बदलावों के प्रति सतर्क रहें, जागरूक रहें और सुरक्षित रहें।

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