आज़ादी की पहली सुबह
फूलों से भर दें यह गुलशन हमसब इस बगिया के माली

नभ के कपोल
नव प्रात की लाली
झूमती आयी
स्वतंत्रता मतवाली,
अपनी धरती है
अपना अंबर,
अपनी है पवन
और अपनी डाली,
फूलों से भर दें
यह गुलशन
हमसब इस
बगिया के माली,
हर्षित जन जन
पुलकित हर मन
कोई मालिक न
कोई सवाली,
नई नज़र है
नया नज़रिया
आशंका की बदरी
छँट गई काली ,
नई नीतियाँ
दृष्टिकोण नया है,
नई कलम
अध्याय नया है,
नया नया है देश का मौसम
बातों का अभिप्राय नया है,
आज इस भारत भूमि ने
चिरप्रतीक्षित आज़ादी पा ली।
Prerna Parish
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