आज़ादी की पहली सुबह

फूलों से भर दें यह गुलशन हमसब इस बगिया के माली

Feb 29, 2024 - 16:20
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आज़ादी की पहली सुबह
first morning of independence

नभ के कपोल
नव प्रात की लाली
झूमती आयी
स्वतंत्रता मतवाली,
अपनी धरती है
अपना अंबर,
अपनी है पवन
और अपनी डाली,
फूलों से भर दें
यह गुलशन
हमसब इस
बगिया के माली,
हर्षित जन जन
पुलकित हर मन
कोई मालिक न
कोई सवाली,
नई नज़र है
नया नज़रिया
आशंका की बदरी
छँट गई काली ,
नई नीतियाँ
दृष्टिकोण नया है,
नई कलम
अध्याय नया है,
नया नया है देश का मौसम
बातों का अभिप्राय नया है,
आज इस भारत भूमि ने
चिरप्रतीक्षित आज़ादी पा ली।

Prerna Parish

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