Sunita Williams and Butch Wilmore को वापस लाने के लिए नासा अब ड्रैगन के भरोसे

Sep 10, 2024 - 14:11
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Sunita Williams and Butch Wilmore को वापस लाने के लिए नासा अब ड्रैगन के भरोसे
Sunita Williams and Butch Wilmore
Sunita Williams and Butch Wilmore : नासा ने अभी जो जल्दी घोषणा की है, उसके अनुसार इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर फंसी सुनीता विलियम्स और बुश विलिमोर को फरवरी में पृथ्वी पर वापस लाया जाएगा। बीते जून महीने में पाच तारीख को दोनों बोइंग कंपनी के स्टार लाइनर व्हीकल द्वारा इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर पहुंचे थे। स्टार लाइनर अंतरिक्ष यान में टेक्निकल खराबी आने की वजह से वह नियत आयोजन के अनुसार पृथ्वी पर वापस आने लायक नहीं रहा। इसलिए उन्हें निर्धारित समय की अपेक्षा अधिक समय तक इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर रुकना पड़ा। नासा के एडमिनिस्ट्रेटर नेल्सन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा है कि 'किसी भी नए व्हीकल की शुरुआत की टेस्ट फ्लाइट न सुरक्षित होती है और न आयोजन के अनुसार काम करती है। जबकि नासा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया था तच बोइंग कंपनी का कोई प्रथिनिधि उपस्थित नहीं था। बोइंग के लिए स्टार लाइनर भी शुरुआत की टेस्ट फ्लाइट है, जो पहली बार अंतरिक्षयात्री को लेकर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर गई थी।स्टार लाइनर में समस्या खड़ी होते ही सारा मिशन जटिल बन गया।
जब दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर भेजना था, इसकी शुरुआत में ही बोइंग के स्टार लाइनर में समस्याएं खड़ी होती आ रही हैं। जिसके कारण लाॅचिंग काफी समय के लिए रोकनी पड़ी थी। लाँचिंग होने के बाद दोनों अंतरिक्षयात्री छोटीमोटी समस्या के बीच भी सुरक्षित इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर पहुंच गए थे। फ्लाइट के दौरान उन्हें हीलियम लीक और थ्रस्टर राकेट की समस्या आई थी। नासा के साथ आम आदमी के मन में भी यह सवाल उठता है कि 'ऐसे असुरक्षित और शंकास्पद वातावरण में नासा दोनों अंतरिक्षयात्रियों को सुरक्षित पृथ्वी पर कैसे लाएगा?
@ नासा के लिए बड़ी समस्या
ऐसे मौके पर नासा प्राइवेट कंपनियों के सहारे है। जिसमें इलोन मस्क की कंपनी स्पेस एक्स का ड्रैगन व्हीकल सब से भरोसेमंद है। नासा अपने हाई प्रोफाइल साइंस मिशन की लाँचिंग अनेक बार ड्रैगन व्हीकल द्वारा कर चुकी है। भविष्य में नासा अपने मून मिशन के लिए स्पेस एक्स का सहारा लेने वाली है। अभी हाल की निष्फलता के कारण बोइंग कंपनी की प्रतिष्ठा को दाग लगा है। नासा चाहती थी कि उसके पास इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर जाने के लिए कम से कम दो विकल्प होने चाहिए। जिसमें पहला भरोसेमंद विकल्प स्पेस एक्स का ड्रैगन व्हीकल है। दूसरे विकल्प का पता करने के लिए उन्होंने बोइंग कंपनी का स्टार लाइनर चुन कर स्पेस स्टेशन भेजा था। 1987 में नासा का चैलेंजर स्पेस शटल और 2003 में कोलंबिया स्पेस शटल के दुर्घटना के बाद नासा के लिए अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा पहली प्राथमिकता बन गई है। इसलिए नासा अब किसी भी तरह की उतावल नहीं करना चाहता।
जबकि इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर गया बोइंग कंपनी का स्पेस क्राफ्ट स्टार लाइनर तीन महीने बाद सुरक्षित धरती पर लैंड हो गया है। बोइंग कंपनी ने नासा के लिए ही यह क्राफ्ट बनाया था। 5 जून को यह क्राफ्ट सुनीता और विलिमोर के ले कर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर गया था। सिर्फ आठ दिन का मिशन था। लेकिन तकनीकी खराबी के कारण इसे खाली ही वापस आना पड़ा। इस समय इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के साथ स्पेस एक्स का ड्रैगन अभियान (ड्रैगन व्हीकल)  इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के साथ जुड़ा है। अगर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर कोई बड़ी समस्या खड़ी होती है तो स्पेस एक्स ड्रैगन का कन्फीग्रेशन बदल कर 6 अंतरिक्ष यात्री इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन खाली कर सके, इस अंरह की व्यवस्था की जाएगी। परिस्थिति सामान्य रहेगी तो सितंबर के अंत तक नासा स्पेस एक्स का क्रू-9 मिशन अंतरिक्ष में लाँच करेगा।
@ बोइंग कंपनी की दशक की सब से बड़ी मुसीबत 
बोइंग कंपनी का स्टार लाइनर कैप्सूल धरती पर आ तो गया है, लेकिन कंपनी की पिछले एक दशक की सब से बड़ी समस्या का सामना करना पड़ेगा। कंपनी को शुरुआत में कड़वा घूंट पीना पड़ा है। अब कंपनी को स्टार लाइनर की डिजाइन की जांच कर के उसमें आने वाली कमियों को दूर करना होगा। नासा से कांट्रैक्ट के बाद पांच साल यानी 2019 में बोइंग कंपनी को अपने मानवरहित यान की टेस्ट फ्लाइट करनी थी। परंतु लाँचिंग के बाद कुछ ही समय में अंतरिक्ष यान का सारा ईंधन जल गया था। जिससे यान स्पेस स्टेशन तक पहुंच नहीं सका था। इस दुर्घटना के ढ़ाई साल बाद मई, 2022 में बोइंग कंपनी ने फिर से मानवरहित टेस्ट फ्लाइट की जांच की थी। इस फ्लाइट में थ्रस्टर राकेट की समस्या रुकावट बनी थी। 
बीते मई महीने में बोइंग कंपनी ने स्टार लाइनर का परीक्षण किया था, परंतु उसमें वाल्व की समस्या आई थी। अंत में 5 जून को दोनों अंतरिक्ष यात्री कैरियर की तीसरी अंतरिक्ष यात्रा करने के लिए स्पेस स्टेशन पहुंचे थे। इस यात्रा के दौरान दो बार हीलियम लीक की समस्या आई थी। पांच बार थ्रस्टर को निष्फलता मिली थी। इसके अलावा यान को ठंडा रखने वाले कूलिंग सिस्टम में जरूरत से ज्यादा पानी का उपयोग हो रहा था। वैसे तो इस तरह की छोटीबड़ी समस्याएं यात्रा के दौरान आती ही रहती हैं। पर एक साथ बहुत सारी छोटीछोटी समस्याएं आ जाएं तो बड़ा खतरा खड़ा हो जाता है। अंतरिक्ष यात्रियों के स्पेस स्टेशन पर पहुंचने के बाद नासा ने उनकी वापसी निलंबित कर दी थी। इस दौरान कंपनी ने स्टार लाइनर से जुड़ा सारा डाटा एकत्र कर के उसका वर्गीकरण शुरू कर दिया था। जिससे इस यान की असफलता का पता चल सके। इस समय नासा प्रशासन परेशान है। अब लोगों के मन में यही सवाल उठ रहा है कि क्या नासा बोर्ड कंपनी का उपयोग फिर से करेगा?
@ स्पेस एक्स का क्रू-9 मिशन
2014 में नासा ने बोइंग और स्पेस एक्स कंपनी को व्यावसायिक रूप से अंतरिक्ष यान विकसित करने के लिए चुना था। साल 2011 में नासा का अपना स्पेस शटल रिटायर हो गया था। साल 2017 तक नासा के पास कोई दूसरा विकल्प न होने से रूस पर निर्भर रहना पड़ा था। बदलती राजनीतिक परिस्थिति को अनुकूल बनाने के लिए नासा ज्यादा समय तक रूस पर निर्भर नहीं रहना चाहता था।
साल 2017 के बाद परिस्थिति बदल गई। स्पेस एक्स कंपनी ने अपना ड्रैगन कैप्सूल विकसित किया। जिसके द्वारा उन्होंने स्पेस स्टेशन पर सामग्री पहुंचाने के लिए री-सप्लाई मिशन सरलतापूर्वक पूरा किया था। साल 2020 में अंतरिक्ष यात्रियों को भी इसने सफलतापूर्वक स्पेस स्टेशन पर पहुंचाया था। स्पेस एक्स के सातवें स्टैंडर्ड मिशन में अंतरिक्ष यात्रियों ने स्पेस स्टेशन पर पहुंचाने में सफलता मिली थी। अभी जल्दी अंतरिक्ष यात्री का आठवां अभियान यानी कि ड्रैगन कैप्सूल स्पेस स्टेशन के साथ जुड़ा है, जो कुछ समय बाद वापस आने वाले हैं।
नासा अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार स्पेस एक्स का क्रू-9 सितंबर में प्रक्षेपित होना था। जिसमें नासा के अंतरिक्ष यात्री जेना कार्डमैन, निक हेग, स्टेफनी विल्सन और रूस के अंतरिक्ष यात्री अलेक्जेंडर गोर्बुनोव प्रस्थान करने वाले थे। स्टार लाइनर की असफलता के कारण परिस्थिति अचानक बदल गई है। सुनीता विलियम्स और बुश विलिमोर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर अधिक रुक जाने के कारण अब स्पेस एक्स के क्रू-9 मिशन में बदलाव किया गया है। स्पेस एक्स का क्रू-9 मिशन चार के बजाय दो अंतरिक्ष यात्रियों को ले कर स्पेस स्टेशन पर जाएगा। सवाल यह है कि निर्धारित चार अंतरिक्ष यात्रियों में किन दो लोगों को मिशन से रोका जाएगा? अभी यह तय नहीं किया गया है। अंदाजा यही है कि अमेरिका अपने दो अंतरिक्ष यात्रियों को रोकेगा। संभवत: आगामी फ्लाइट में जेना कार्डमैन और रूस के अंतरिक्ष यात्री अलेक्जेंडर गोर्बुनोव स्पेस स्टेशन पर जाएंगे।
@ नासा स्टार लाइनर का उपयोग करेगा?
इस समय बोइंग के साथ जो कांट्रैक्ट है, उसके अनुसार नासा को बोइंग कंपनी के स्टार लाइनर का उपयोग करना पड़ेगा। परंतु नासा स्टार लाइनर में किसी अंतरिक्ष यात्री को भेजने का खतरा नहीं उठाएगा। भविष्य में नासा इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर जरूरी मालसामान और खुराक सामग्री पहुंचाने के लिए स्टार लाइनर का उपयोग कर सकता है। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में विल्स नेल्सन ने कहा था कि उन्होंने बोइंग के सीईओ केली ओर्टबर्ग से बात की है। जिन्होंने अभी जल्दी ही आपना पद संभाला है। उन्होंने अपना इरादा व्यक्त किया है कि वह स्टार लाइनर पर दोबारा काम करेंगे।
नासा के पास अब जब कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा है तो क्या नासा रुस पर निर्भर रहेगा? जबकि रूस ने खुद ही अंतरिक्ष स्टेशन पर अंतरिक्ष यात्री भेजने का काम नासा को सौंप रखा है। ऐसे में नासा रूस पर कैसे निर्भर रह सकता है। रूस का लाँचपैड, बायकोनुर काॅस्मोडाॅम कजाकिस्तान में स्थित है। जिसका कांट्रैक्ट पूरा हो गया है। रूस के नए राकेट ची ऊंचाई अधिक होने से बायकोनुर काॅस्मोडाॅम के लाँचपैड का मेडिफिकेशन करना पड़ेगा। इसके अलावा रूस इन दिनों युद्ध में लगा है, इसलिए वह वहां बन रहे लाँचपैड के लिए न पैसे दे सकता है और न ही ध्यान दे सकता है। इस बात पर चर्चा होने पर स्कूल आफ एडवांस्ड एयर एंड स्पेस स्टडीज के राजनीतिक वैज्ञानिक वेंडी व्हिटमैन कोबे ने अपना अभिप्राय दिया है कि 'महत्वपूर्ण मुद्दा यह है कि बोइंग कंपनी अपने स्टार लाइनर में कोई बदलाव करना चाहती है? समस्या को देखते हुए कंपनी को ऐसा करना ही पड़ेगा। स्टार लाइनर के कैप्सूल और प्रणाली में बदलाव करना होगा। अगर ऐसा करना पड़ा तो इसमें काफी समय लगेगा। संक्षेप में नजदीक के समय में (2-3 साल तक) नासा स्टार लाइनर का उपयोग नहीं करेगा। शैसे नासा क्या करेगा, यह जल्दी ही स्पष्ट हो जाएगा।
वीरेंद्र बहादुर सिंह

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