सजी हुई पुस्तकें

मुझे किसी दूसरे को भेजना पड़ेगा और एक बात याद रखना तिवारी कि यह बात बाहर गई तो तुम्हारी खैर नहीं। इस फील्ड में मेरी प्रामाणिकता की कसमें खाई जाती हैं और इसे उसी तरह कायम रखने के लिए मैं किसी हद तक जा सकता हूं। आशा है कि तुम समझ गए होगे और अब तुम जा सकते हो।" गुस्से में तिवारी को जाने का इशारा कर के बाॅस किसी को फोन करने लगे।

Nov 8, 2023 - 14:45
 0  31
सजी हुई पुस्तकें
decorated books

बाॅस के एयरकंडीशन आफिस में घुसते ही तिवारी के चेहरे पर पसीना आ गया। डेस्क पर पड़ी लगभग 10 लाख के नोट और बाॅस की रहस्यमय मुस्कान उसकी समझ में नहीं आई। 75 साल की उम्र में भी गजब की फुर्ती रखने वाले उसके बाॅस उसके आदर्श थे। आज तक आफिस में बाॅस द्वारा दिए गए वक्तव्य और मन माॅटिवेशन का महासागर था।
जैसे ही तिवारी केबिन के अंदर पहुंचे, उन्हें बैठने का इनारा करते हुए उन्होंने तुरंत बोलना शुरू कर दिया, "तिवारीजी, मेरी बात हो गई है, अन्य तीन मंजिल बनवाने की परमीशन मिल जाएगी। तुम भरोसे वाले आदमी हो। यह रुपया ले जाओ। रात 9 बजे होली डे इन में तुम्हारे नाम से टेबल बुक कराई है। श्रीवास्तवजी तुम्हें वहां मिलेंगे। बस, तुम्हें यह बैग उन्हें देकर उनके साथ खाना खाना है और चले आना है। इसी बहाने फाइवस्टार में खाना खा आओगे।" अंतिम वाक्य बाॅस ने आंख मार कर कहा था।
"पर सर यह तो रिश्वत है। हम ने आलरेडी दो मंजिल बना ली है।" तिवारी की प्रामाणिक आत्मा को यह अच्छा नहीं लगा। तिवारी को यह कहते सुन कर देवता जैसे बाॅस का उसे एक नया ही स्वरूप देखने को मिला।
"अरे आजकल के लड़कों को बिजनेस चलाने की समझ ही नहीं है। मुझे किसी दूसरे को भेजना पड़ेगा और एक बात याद रखना तिवारी कि यह बात बाहर गई तो तुम्हारी खैर नहीं। इस फील्ड में मेरी प्रामाणिकता की कसमें खाई जाती हैं और इसे उसी तरह कायम रखने के लिए मैं किसी हद तक जा सकता हूं। आशा है कि तुम समझ गए होगे और अब तुम जा सकते हो।"
गुस्से में तिवारी को जाने का इशारा कर के बाॅस किसी को फोन करने लगे। केबिन से बाहर निकलते हुए तिवारी को बाॅस के पीछे रखी एक सुंदर शेल्फ में कुछ किताबें दिखाई दीं। जिनके नाम थे- सत्य के प्रयोग, कर्म के सिद्धांत, प्रामाणिकता का पथ। तिवारी बाॅस के नए स्वरूप को देख कर बाहर निकल रहा था तो बाॅस की केबिन के बाहर बैठी सेक्रेटरी किसी से फोन पर कह रही थी कि धार्मिक और चिंतन करने वाली किताबें अभी तक नहीं आई हैं, उन्हे जल्दी भेजो। बाॅस के पीछे रखी शेल्फ में अच्छी-अच्छी किताबें होना जरूरी है। आने वाला आदमी शेल्फ में रखी किताबें देख कर मनुष्य की पर्सनालिटी जज करता है।"
तिवारी परिणाम की परवाह किए बिना थाने की ओर चल पड़ा। क्योंकि जो किताबें बाॅस ने दिखाने के लिए रखी थीं, उन सभी किताबों को वह पढ़ और समझ चुका था।

वीरेंद्र बहादुर सिंह

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow