बहती नाक, खांसी जुकाम से कैसे लड़ें
गुनगुना पानी खूब पिया जाए, तो जुकाम की तीव्रता में कमी संभव है। प्रा. चि. में जलनेति श्वसनतंत्र की परेशानियों के लिए बेहद सटीक उपाय है। मुद्रा विज्ञान में लिंगमुद्रा व ब्रह्म मुद्रा, दमा, खांसी, जुकाम के लिए एक अच्छी हीलर व फेफडों को मजबूती देने वाली मुद्रायें हैं।

जुकाम अपने आप में कोई बीमारी नहीं है, या इसे यूं कह सकते हैं, ये एक indicator है that some thing is wrong हो सकता हो आपकी नींद पूरी ना हुई हो, कब्ज भी हो सकता है, सर्दी भी लग सकती है। तनाव भी एक कारण है। आप की इम्युनिटी को दुरुस्त कीजिए, शरीर को विश्राम दीजिए। शरीर में जो विजातीय द्रव्य एकत्रित हैं, उन्हें दफा कीजिए। अर्थात पेट साफ रखिए। सफाई का पूरा ध्यान रखें। घर में शुद्ध हवा आने दें, सोने, पहनने के कपड़े, कालीन, पर्दे आदि की सफाई भी जरूरी है। इन्हें समय समय पर धूप आदि में सुखाएं। इन पर जमा धूल मिट्टी या कीटाणु भी एलर्जी, जुकाम का कारण हो सकते हैं। प्राकृतिक चिकित्सा में जुकाम के लिए उपवास एक कारगर उपाय है। गुनगुना पानी खूब पिया जाए, तो जुकाम की तीव्रता में कमी संभव है। प्रा. चि. में जलनेति श्वसनतंत्र की परेशानियों के लिए बेहद सटीक उपाय है। मुद्रा विज्ञान में लिंगमुद्रा व ब्रह्म मुद्रा, दमा, खांसी, जुकाम के लिए एक अच्छी हीलर व फेफडों को मजबूती देने वाली मुद्रायें हैं।
जुकाम में तरल आहार अवश्य लें। गर्म सूप बहती नाक और गले की खराश के लिए राहत दिलाने में मददगार हो सकता है। जुकाम में विटामिन सी लेने से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। अतः गुनगुने पानी में नींबू निचोड़ कर शहद मिलाकर या ऐसे ही पीना अच्छा रहता है। रात में गर्म दूध को गुड़ के साथ पियें। इसी प्रकार नींबू की चाय या ग्रीन टी भी जुकाम में राहत देने में सहायक है। ग्रीन टी में मौजूद अमीनो एसिड सर्दी जुकाम में लाभदायक है। रात में दूध में खजूर या छुआरे उबालकर पीने से भी आराम मिलता है। अदरक का रस गुनगुना करके शहद में मिलाकर चाटें। आयुर्वेदिक चूर्ण सितोपलादि लगभग चौथाई चम्मच शहद के साथ मिलाकर सेवन करने से भी खांसी, जुकाम में आराम मिलता है। यह निरापद औषधि है। इसके सेवन से कोई हानि नहीं है। मुलेठी के टुकड़े को चूसने से कफ की समस्या, गले की खिच खिच, खांसी, खुश्की, सूजन आदि ठीक होते हैं। इसे पान में डाल कर भी ले सकते हैं। जुकाम में पूरे दिन केवल गर्म पानी का ही सेवन करें। गर्म पानी में चुटकी नमक या नमक, हल्दी दोनों डालकर गरारे करने से राहत मिलेगी। एंटीबायोटिक होने की वजह से व सिंकाई होने से गले में आराम मिलेगा। दूध में हल्दी डालकर पीने से भी आराम मिलता है। रात में सोते समय आठ, दस काली मिर्च चबाकर ऊपर से गर्म दूध पिएं। राहत मिलेगी। तेजपत्ते की चाय भी फायदा पहुंचाती है।
सात तुलसी के पत्ते, सात काली मिर्च, तीन बताशे, एक छोटा अदरक का टुकड़ा, एक या दो लौंग ऊपर का फूल हटा दें, अगर संभव हो तो थोड़ी सी गेंहू के आटे की भूसी भी लें। इन सबको एक गिलास पानी में कूट कर उबालें, चौथाई रह जाने पर पी कर चादर ओढ़ कर सो जाएं। मधुमेह के रोगी बताशे की जगह, नमक डालकर पिएं। यह काढ़ा हरारत, सर्दी जुकाम, बदनदर्द, वायरल फीवर का बहुत ही अच्छा उपाय है। काढ़े को पी कर सोएं अवश्य, तुरंत बाद नहाएं नहीं, आराम मिलेगा। सर्दी से बचें। छोटे बच्चों को जायफल पानी से घिस कर गर्म कर भी दे सकते हैं। लेकिन इसे किसी बड़े से पूछ कर ही करें, क्योंकि इसकी तासीर गर्म होती है। निमोनिया में बहुत लाभ मिलता है। गर्म पानी में विक्स या नीलगिरी के तेल की भाप, तौलिया ओढ़ कर लें। नाक भी खुल जायगी बदन में भी राहत होगी। कब्ज न रहने दें। हल्का, सुपाच्य, गर्म व ताजा भोजन ही करें। लिक्विड डाइट सूप वगैरह अवश्य लें। गर्म भुने चने गुड़ के साथ खाएं। बथुआ का गर्म सूप या बथुआ की ही एकदम पतली कढ़ी पियें, राहत महसूस करेंगे। नाक, कान को मफलर, स्कार्फ आदि से ढंककर रखें। ठंडी हवा नाक, कान के द्वारा ही शरीर में ठंडक पहुंचाती हैं। इस तरह सर्दी से बचाव करेंगे तो जल्दी ही जुकाम खांसी से छुटकारा संभव है Prevention is better than cure कोई भी उपाय करें तीन चार दिन लगातार करें। तब ही पूर्ण आराम संभव होगा। वैसे भी दवा लेने पर सर्दी जुकाम ठीक होने में एक सप्ताह तो लग ही जाता है और यदि दवा ना लें प्राकृतिक उपचार लें तो सात दिन
मनु वाशिष्ठ कोटा जंक्शन राजस्थान
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