Most Influential Bollywood Families | फिल्म जगत और कपूर खानदान

कपूर परिवार जैसा कोई दूसरा जीवित परिवार सिनेमा जगत में है ही नहीं जिसने इतने लंबे समय तक मनोरंजन उद्योग पर शासन किया हो, या इतनी लगन से इसके सबसे दूर के मापदंडों को पार किया हो। इस परिवार ने मूक फिल्मों से लेकर रंगीन फिल्मों का 9 दशक से ज्यादा का सफ़र तय किया है और अभी भी सनेमा की सेवा में लगे हुए हैं। क्लैपर बॉय से लेकर स्टेज मैनेजर, थिएटर स्टार से लेकर मैटिनी आइडल, मोशन पिक्चर प्रोड्यूसर से लेकर स्टूडियो और थिएटर मालिक, प्रोपराइटर, फिल्म एडिटर और शौकिया संगीतकार तक, उन्होंने सिनेमा और थिएटर की पूरी गतिविधि को संभाला है, लेकिन कभी भी अपनी व्यक्तिगत शैली को नहीं छोड़ा।

Mar 20, 2025 - 12:53
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Most Influential Bollywood Families | फिल्म जगत और कपूर खानदान
Kapoor Family


कपूर परिवार जैसा कोई दूसरा जीवित परिवार सिनेमा जगत में है ही नहीं जिसने इतने लंबे समय तक मनोरंजन उद्योग पर शासन किया हो, या इतनी लगन से इसके सबसे दूर के मापदंडों को पार किया हो। इस परिवार ने मूक फिल्मों से लेकर रंगीन फिल्मों का 9 दशक से ज्यादा का सफ़र तय किया है और अभी भी सनेमा की सेवा में लगे हुए हैं। क्लैपर बॉय से लेकर स्टेज मैनेजर, थिएटर स्टार से लेकर मैटिनी आइडल, मोशन पिक्चर प्रोड्यूसर से लेकर स्टूडियो और थिएटर मालिक, प्रोपराइटर, फिल्म एडिटर और शौकिया संगीतकार तक, उन्होंने सिनेमा और थिएटर की पूरी गतिविधि को संभाला है, लेकिन कभी भी अपनी व्यक्तिगत शैली को नहीं छोड़ा।
बॉलीवुड में कपूर खानदान की शुरुआत राजकपूर के पिता पृथ्वीराज कपूर से मानी जाती है। आपको ये जानकर हैरानी होगी कि कपूर खानदान की जड़ें बंटवारे के बाद बने भारत के किसी शहर से नहीं, बल्कि पाकिस्तान से जुड़ी हुई हैं। स्व. पृथ्वीराज कपूर का जन्म पाकिस्तान के फैसलाबाद में हुआ था। इनके पिता का नाम दीवान बशेश्वरनाथ कपूर था। दीवान बशेश्वरनाथ कपूर ने राज कपूर की चर्चित फिल्म ‘आवारा’ में एक कैमियो भी किया था। कपूर खानदान से पृथ्वीराज कपूर ने ही सिनेमा में एक्टिंग की नींव डाली थी। पृथ्वीराज कपूर ने 8 साल की में  उम्र एक्टिंग शुरू की थी। और कॉलेज में नाटक राइडर्स टू दा सी में महिला का किरदार निभाया था। लाहौर में रंग मंच शुरू किया लेकिन पढ़ें लिखे होने के कारण नाटक मंडली में काम नहीं मिला। पृथ्वीराज ने 8 मूक फिल्मों में काम किया। फिर बोलती फिल्मों के सुपर स्टार रहे। पृथ्वीराज ने 17 साल की उम्र में अपने से 2 साल छोटी रामसरनी मेहरा से शादी की। उनके 6 बच्चे हुए जिसमें से बेटी देवी निमोनिया और नंदी चूहा मारने की दवा से मर गई थी। 4 बच्चे से राज, शशि, शम्मी और बेटी उर्मिला। साल 1944 में पृथ्वीराज ने पृथ्वी थिएटर की नींव रखी। 16 साल तक पृथ्वीराज के डायरेक्शन में यहां 2662 शो किए गए। पठान दीवार अछूत और कलाकार इसके प्रमुख नाटक थे। पृथ्वीराज कपूर की मुग़ले आजम, हरिश्चंद्र तारामती, सिकंदरे आजम, आसमान, महल जैसी कुछ सफल फ़िल्में प्रदर्शित हुईं।
1944 में पृथ्वीराज कपूर ने पहला कॉमर्शियल थिएटर पृथ्वी शुरू किया। पृथ्वी थिएटर में उन्होंने पूरी जमा पूंजी लगा दी। थिएटर में शो दिखाने के बाद पृथ्वी खुद झोली लेकर दरवाजे पर खड़े होते थे। थिएटर से निकलते हुए लोग जो चंद रुपए उनकी झोली में डालते थे। वो उन जमा पैसों को वर्कर फंड बनाने में इस्तेमाल करते थे। थिएटर में काम करने वाले लोगों को वो इस फंड से मदद दिया करते थे। ये पहला इंडस्ट्री वर्कर फंड था।
पृथ्वीराज कपूर का थिएटर करीब 16 सालों तक चला, जिसमें 2,662 परफॉर्मेंस हुईं। पठान, दीवार, अछूत और कलाकार इसके प्रमुख नाटक थे। इस थिएटर का एक प्ले पठान मुंबई में करीब 600 बार किया गया। ये ग्रुप देश भर में ट्रैवल कर प्ले करता था, लेकिन सिर्फ टिकट के पैसों से खर्च निकाल पाना मुश्किल था। 1950 तक फाइनेंशियल दिक्कतों और फिल्मों के बढ़ते चलन के कारण पृथ्वी थिएटर को बंद कर दिया गया।
पृथ्वी थिएटर बंद हो जाने के बाद पृथ्वीराज ने फिर से फिल्मों की तरफ रुख किया। 1950 से 1960 के बीच वो आवारा, भूत पुलिस, श्री 420 और परदेशी जैसी फिल्मों में नजर आए। इसके बाद डायरेक्टर के.आसिफ ने उन्हें फिल्म मुगले-ए-आजम में अकबर के रोल में कास्ट किया।


के. आसिफ इस फिल्म में किसी भी कीमत पर पृथ्वीराज कपूर को कास्ट करना चाहते थे। उन्होंने मीटिंग के दौरान पृथ्वीराज को एक ब्लैंक चेक दिया था। उन्होंने कहा कि पृथ्वीराज जितनी चाहे उतनी फीस ले सकते हैं। वो मान भी गए और उन्होंने इस फिल्म के लिए पूरा 1 रुपया लिया और कहा, मैं आदमियों के साथ काम करता हूं, व्यापारियों के साथ नहीं।
इसी दौरान का किस्सा ये है कि मुगल-ए-आजम की शूटिंग शुरू होने से पहले पृथ्वीराज डाइट करने लगे थे। वो पतला होना चाहते थे, इस कारण वो अपने खान-पान पर बहुत ध्यान दे रहे थे। जब वो कास्टिंग के बाद शूटिंग के पहले दिन सेट पर डायरेक्टर के.आसिफ से मिले, तो डायरेक्टर हैरान रह गए। उन्होंने कहा- ये कौन है? अगर आप सलीम का रोल करते, तो वजन कम करते। आपको अकबर के रोल के लिए कास्ट किया गया है, तो आप जाइए और वजन बढ़ाइए।
इसी फिल्म के एक सीन में पृथ्वीराज को गर्म रेत पर चलकर अजमेर में मन्नत मांगने जाना था। पर्दे पर ये सीन रियल लगे इसलिए वो सच में गर्म रेत पर नंगे पांव चले थे। इस सीन को पूरा करने में पृथ्वीराज के पांव पर छाले पड़ गए थे। जब ये बात के.आसिफ को पता चली तो उन्होंने भी अपने जूते उतार दिए और नंगे पैर रेत पर कैमरे के पीछे चलने लगे। उनके इस डेडिकेशन पर वहां मौजूद सब लोग हैरान थे।
पृथ्वीराज कपूर के सबसे बड़े बेटे राज कपूर थे, जिन्हें बॉलीवुड का सबसे पहला शो मैन कहा गया। वो फिल्म इंडस्ट्री में 1935 से 1988 तक एक्टिव रहे। वहीं दूसरे बेटे शम्मी कपूर 1953 से 2011 तक और तीसरे बेटे शशि कपूर 1945 से 1999 तक फिल्मी पर्दे पर दिखाई दिए।
राज कपूर के तीनों बेटे रणधीर, ऋषि और राजीव ने भी अपने पिता के नक्शे कदम पर चल कर फिल्मों में आए। तीनों भाइयों में ऋषि कपूर सबसे सफल एक्टर रहे। रणधीर ने भी कई बेहतरीन फिल्मों में काम किया और कुछ फिल्में डायरेक्ट भी कीं।
 
इनमें पृथ्वीराज कपूर और राज कपूर के साथ उनकी फिल्म कल, आज और कल भी शामिल है। हालांकि, राजीव अपने दोनों बड़े भाइयों ऋषि और रणधीर की तुलना में अधिक सफल नहीं रहे। वहीं राज कपूर की बेटी ऋतु ने बिजनेस वुमन के तौर पर अपनी पहचान बनाई।

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पिता की एक्टिंग विरासत को शम्मी कपूर ने भी आगे बढ़ाया था। 6 दशक के करियर में वो 119 फिल्मों में नजर आए थे। शम्मी अपने जमाने के सबसे बेहतरीन डांसर और रोमांटिक हीरो रहे। इन्होंने 100 से ज्यादा फिल्मों में काम किया। शम्मी के बेटे आदित्य राय कपूर भी फिल्मों में आए, लेकिन उनका करियर काफी छोटा रहा। उन्होंने सिर्फ 6 फिल्मों में ही काम किया। 2 फिल्में भी डायरेक्टर कीं, लेकिन बतौर एक्टर और डायरेक्टर, दोनों में वो असफल रहे।
शशि कपूर पृथ्वीराज कपूर के सबसे छोटे बेटे थे। उन्होंने चाइल्ट आर्टिस्ट के तौर पर करियर की शुरुआत की थी और 170 फिल्मों में नजर आए थे। राज कपूर की आईकॉनिक आवारा में उन्होंने राज कपूर के बचपन का रोल निभाया था। शशि ने कुछ हॉलीवुड फिल्मों में भी काम किया। उनकी पत्नी जेनिफर कैंडल भी स्टेज की बड़ी आर्टिस्ट थीं। फिल्मों में  शशि कपूर की बुलंदियों को देख बेटे करण, कुणाल और बेटी संजना ने भी फिल्मों में किस्मत आजमाई, लेकिन ये तीनों ज्यादा सफल नहीं रहे। शशि कपूर और उनकी पत्नी ने पृथ्वी थिएटर का काम काफी सालों तक संभाला, उनके बाद उनकी बेटी संजना ने भी थिएटर को जिंदा रखने की पूरी कोशिश की।
रणधीर कपूर ने सिर्फ 2 दशक ही फिल्म इंडस्ट्री पर राज किया और कुल 51 फिल्में ही कीं। फिर इस परंपरा को बेटियों ने आगे बढ़ाया। हालांकि, कपूर परिवार में बेटियों को फिल्मों में आने से रोका जाता था। इस परंपरा को सबसे पहले शशि कपूर की बेटी संजना ने तोड़ा था, लेकिन कपूर परिवार की पहली लेडी सुपरस्टार रहीं रणधीर की बेटी करिश्मा, फिर बहन और पापा के नक्शे-कदम पर चल करीना भी फिल्मों में आईं। 2000 से उन्होंने एक्टिंग करियर की शुरुआत की थी, जो अभी भी जारी है।
ऋषि कपूर के बेटे रणबीर कपूर को भी शानदार एक्टिंग और डांस मूव्स के लिए जाना जाता है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर की थी। फिर 2007 में उन्होंने अपना एक्टिंग डेब्यू फिल्म सांवरिया से किया था। 16 साल के करियर में वो अब तक 31 फिल्मों में नजर आ चुके हैं। रणबीर की पत्नी आलिया भी जानी-मानी एक्ट्रेस हैं।
कपूर खानदान का योगदान इसलिए सबसे अधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि वे फ़िल्में पैशन से बनाते थे व्यापार के लिए नहीं। वे लोग फिल्मों से दिल से जुड़े हैं और फिल्मों के लिए ही जीते मरते हैं। राज कपूर ने जो भी फ़िल्में बनायीं उसमें सब कुछ दांव पर लगा देते थे और दिल से फ़िल्में बनाते थे। जो कुछ भी फिल्म से कमाई होती उसे अगली फिल्म में लगा देते। एक जूनून है फिल्मों के प्रति इस परिवार में और फिल्म जगत के इतिहास में कपूर परिवार का योगदान सदैव याद किया जायेगा। 


रचना दीक्षित | ग्रेटर नॉएडा

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