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विष्णु प्रभाकर: हिंदी साहित्य के महाकवि एवं जीवन परिचय ...

विष्णु प्रभाकर, हिंदी के लब्धप्रतिष्ठित साहित्यकार, जिन्होंने 'आवारा मसीहा' जैसी...

रंगमंच को जनमंच बनाने वाले रंगकर्मी : हबीब तनवीर | Ha...

Habib Tanvir, Indian theatre legend, Naya Theatre, Agra Bazaar, Charandas Chor, ...

पर्यावरण

लाल गुलाबी श्वेत बैंगनी फूलों से भर दो।  पर्यावरण रक्षा में प्रकृति हरी भरी कर ...

गीत जाने कौन गा रहा है?

कल्पना के नक्षत्र से अंबर के प्रतिमान पर द्विदिप्त कोई तारा उत्सव आज मना रहा है...

प्रतिशोध बाकी है

अभी तो सिर्फ झांकी है, बड़ा प्रतिशोध बाकी है। नहीं है जिन में मानवता, दिखा द...

मैं

मैं भरी रही  मैं से  प्रेम आया तो  निकल गया छूकर  प्रेम और मैं की  कतई नह...

मैं बस तुझको गाता हूँ!!!

कोई मंदिर का दर गाता कोई मस्जिद गाता है कोई गाता है गिरिजाघर कोई गुरुघर गाता ...

अवर्णनीय माँ....

तुम अमृतमयी थीं सदैव ही मेरा अस्तित्व तुम से ही तो है जो लोरियां सुना के सुलाय...

अम्मांँ

तनिक नहीं सुख पाये अम्मांँ अपने बालकाल में बड़े-बडे़ दुख पाये अम्मांँ अपने जीवन ...

आज कल की दोस्ती

आज कल की दोस्ती, सब कुछ बदल गया डिजिटल दुनिया में यारों का तो खूब प्यार पाया

पल बीत गए

आँसू थमकर पलकों पर जम गए। राह में आपकी कई पल बीत गए। सफलता प्यार में कभी ना ...

माँ की दुआएँ

ख़ज़ाना है बड़ा अनमोल    जीने का सहारा है, दुआएँ माँ की मिल जाएँ    यही उपहार प...

श्रम का सम्मान

समाज के निर्माण में है जिनकी  महत्ता,  मजदूरों को समर्पित है  मेरी कविता। श्...

हाइकु

टूट रहा था घर और मकान माँ के मरते 

ज़मीर मरा हुआ

जिनका मर जाता है ज़मीर, वे लफ्जों को अल्फाज नहीं बना सकते, आमिर का अलम बन जाती ...

बदल गए औजार

आरी काटती है लकड़ी वसूला देता है आकार रन्दा छीलता है चिकना करता है छेनी त...