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दृढ़ इच्छाशक्ति और संकल्प- आशा लकड़ा

आशा ने पढ़ाई छोड़ने से इंकार करके घर और भाई बहन की जिजिम्मेदारी के साथ पढ़ाई जार...

हमारा खानपान और हमारा स्वास्थ्य

आप सबकी सुविधा के लिए एक संतुलित आहार फूड पिरामिड दे रही हूँ । जहाँ तक हो सके, श...

महिला दिवस

लड़की पैदा होने पर जब लड्डू सारे गाँव बँटेगा.

चस्का मंच संचालन का !

संचालक बनने के लिए आवश्यक जानकारियाँ गूगल बाबा से जुटाईं. सोशल मीडिया की खिड़कियो...

साहित्य और विज्ञापन

भारत सदैव से विभिन्नताओं वाला देश रहा है। कहा यह भी जाता है कि यहाँ पर हर कोस पर...

हमसफर

आंधी तूफान चलती है साथ साथ, पर कर नही पाती

अ-शुभ

दोपहर के लगभग तीन बजे ह्वाट्सएप पर आया यह मैसेज कुछ अजीब था। यह मैसेज देखने के ब...

दामोदर हरि चापेकर

दामोदर हरि चापेकर उसे बलिदानी परिवार के अग्रज थे जिसके तीनों पुष्पों ने स्वयं को...

खूबसूरती का ज़हर

खूबसूरती क्या है। यह सवाल आप किसी से पूछिए। आपको ज़बाब में सुनने को मिलेगा, बाहर...

अनपढ़

उस दिन पापा ने माँ को फिर अनपढ़ कहा तो मैं बोल पड़ा "पापा माँ को पढ़ना आता है।"

घर की मालकिन

लाख कोशिशों के बाद भी मुझे याद नहीं आ रहा.... हर वह जगह जहां मैं पैसे रख सकती थी...

ये केसा तेरा देश है बेटा ?

महानगरों की धकापेल में प्राचीन भारतीय संस्कृती को जीवित रखते हुए सादगी और सच्चाई...

जलता चला गया

शिकायत बहुत थी जिंदगी से, पर बताता किसको? हर शख्स मुझे देखकर, बचता चला गया।

बदल कर तो देखो

न रहेगी जिंदगी से शिकायत तुमको कभी, कई दिन से भूखे बच्चे की तरह,पल कर तो देखो।

तितली

उड़कर फुनगी पर चढ़े,रंगीली सी गात। कैसे वह पहचानती, होने वाली प्रात।।

रंगीला फाग

पहला मधुकर रंग हो, इतना तो अधिकार। गोरी कोरी देह पर,दे पिचकारी मार।।