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वसुंधरा को मान दे

धरा झुलस रही है और ये धूसरित अकाश है। मनुज के कर्मफल हैं ये, या प्रकृति उदास है?

ये पानी की बूंदें

हैं आँसू भी बहते ज़मीनों के संग संग, हैं अरमान मरते  ज़मीनों के संग संग,

यादों के टुकड़े

थोड़ा आगे बढ़ी तो  शिशिर से पहली मुलाकात का वाक्या सामने आ गया। उन्हें देखकर वाय...

मां की ममता

मां की दी हुई शिक्षा आज समझ में आती है वह कहती थी जहां जाओ अपने व्यवहार से दूसरो...

प्रेम

पिछले कुछ महीनों से लेबोरेटरी के हर जूनियर्स के मन में एक ही बात चल रही थी कि सं...

पौराणिक कथाओं में बसंत पंचमी

बसंत पंचमी के इस पवित्र त्यौहार का कई अन्य घटनाओं से जुड़े होने के कारण ही इसका ...

बसंत पंचमी का आध्यात्मिक महत्व (सरस्वती माता का प्राकट्य)

बसंत पंचमी ऋतु परिवर्तन के समय का एक महत्वपूर्ण पर्व है। यह त्यौहार कंपकंपाने व...

21 फरवरी अंतर्राष्ट्रीय मातृ भाषा दिवस

बच्चे का शैशव जहाँ बीतता है , उस माहौल में ही जननी भाव है . जिस परिवेश में वह गढ...

मन की डोर अपने हाथ

सोमवार का पूरा दिन इसी तरह गुज़र गया था l मंगलवार का सूर्य एक बार फिर से अपनी आभा...

दो डिब्बों में रोटी

इसके बाद, उस व्यक्ति को समझ आया कि वह परिवार हर दिन दो डिब्बों में क्यों खाना बन...

सीख

तब मैंने यह जानना चाहा कि यह आवाज कहाँ से आ रही है। मैंने आवाज की दिशा की ओर देख...

रेडियो

मेरे दादा जी को सुनाता रोज खबर, लगाता हमारे लिए खबरो का अंबर,

जागो हे नवयुवकों

लोकतंत्र अब लोकतंत्र से,  भ्रष्टतंत्र में बदल गया।

S4...19...की VIP यात्रा

अचानक मेरी नाक में चारों तरफ़ से उठती गुलाब और मोगरे की महक दिमाग को झकझोर देती ह...

एक कविता उनके नाम

कुछ दिवस की दूरियां रही पर लगता है बरसों की कुछ पल जैसे कटे ही नही जा रहे है अर...

वीर सैनिक

कलाई पर सजी राखी बहन की है कहती भैया फिर आना तू घर पर सुला मुझको तू लोरी आ...