कहानी

आधुनिक जमाने की आधुनिक मां

कावेरी के इस उलाहने को समझने वाले विनोद ने हमेशा की तरह उसकी इस बात का जवाब देना...

 देवदूत 

दूर दूर तक कोई मेडिसिन की शॉप नहीं! किशन हर जाने वाली गाडी को रोक कर मदद मांग रह...

शहर का कब्रिस्तान और उसका रहस्य

सफ्ताह के अंत में रविवार को छुट्टी मिली उसे, उसने अपने कि सभी प्रश्नों का उत्तर ...

पश्चाताप ... दो हजार का नोट

रामावती कई घरों में झाड़ू पोछा का काम किया करती अच्छे पैसे मिल जाते थे। पूरे परि...

जिन्दगी

"कुछ नहीं , वे घर गये हैं ।" कहकर रीना ने बात ढकनी चाही ताकि किसी को कुछ पता न च...

छुटकी

फिर दीदी भी पढ़ाई के लिए दिल्ली जाना चाहती थी। पापा फिर मान गए। इस बार मम्मी बिल...

कटहल

गुलाब के वो सूखे पत्ते

कुछ देर मैंने सोचा फिर कपड़े बदलने के लिए अपने कमरे में गया । कमरे का सारा हुलिया...

दादी की बैंक यात्रा

दादी के बैंक खाते में २००४ रूपये थे और जब ये बात दादी को पता चली तो उन्होंने कई ...

मुर्ख बूढ़े किसान की नवयुवती

युवती तो यह शब्द सुनते ही मनो उसके मन में न जाने कितने अरमान उसके दिल गोते खा रह...

जिज्जी

सब कुछ बहुत अच्छे से बीत रहा था कि अचानक जीजा जी के स्वास्थ्य बिगड़ने की खबर पहु...

सजी हुई पुस्तकें

मुझे किसी दूसरे को भेजना पड़ेगा और एक बात याद रखना तिवारी कि यह बात बाहर गई तो त...