आलेख

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का महत्व

भारत सरकार ने बच्चों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण पैदा करने और जागरूकता पैदा करने के ...

पुरातन से आधुनिक तक कुम्भ में बढ़ती आस्था की धारा

स्वतंत्रता के बाद कुम्भ में जुड़ने वाले तीर्थयात्रियों की आनुमानिक संख्या एक करो...

बहती नाक, खांसी जुकाम से कैसे लड़ें

गुनगुना पानी खूब पिया जाए, तो जुकाम की तीव्रता में कमी संभव है। प्रा. चि. में जल...

अलविदा और साॅरी - तुवालु

तुवालु को टाइटैनिक नंबर 2 बनने से रोका नहीं जा सकता। क्योंकि अब बहुत देर हो चुकी...

रंगों से ये कैसी नफरत

इस कहानी में ये सच दिख रहा है कि जातिवादी मानसिकता से ग्रस्त इंसान रंगों से भी क...

दूसरों के सुख से परेशान एक रोग, ईर्ष्या

थोड़ी ईर्ष्या भोजन में नमक की तरह है। लेकिन बहुत ज्यादा ईर्ष्या रूपी नमक (कुंठा,...

नववर्ष विशेषांक में महाकुंभ

अखाड़ो में बड़े बड़े पहलवान कुश्ती करते ,साधु संत धूनी रमाते । महाकुंभ न केवल धा...

देवाधिदेव महादेव ॐ नमः शिवाय

क्या आप शिवरात्रि और महाशिवरात्रि का अंतर जानते हैं, यदि नहीं तो चलिए मैं बताती ...

ग्राम्य लोक-संस्कृति में भुर्री का महत्व

आग के अंगारे मद्धम–मद्धम दगते हैं। धीमी–धीमी आँच पड़ने पर बड़ा सुकून मिलता है। ठ...

प्रकृति में सौन्दर्य की छठा बिखेरती वसंत पंचमी

वसंत के आगमन से पृथ्वी पर सरसों के पीले पीले फूल अपने रंग की छटा बिखेरते हैं। पल...

दीपोत्सव के उत्साह से सराबोर रामनगरी अयोध्या

रामनगरी अयोध्या के सरयू तट पर कल 55 घाट है, सभी घाट दुल्हन की तरह दीपों से सजाए ...

त्योहारों की बढ़ती चकाचौंध में फीके होते स्वाद और संस्कार

बस दिखावा सा रह गया है दीपावली में। ऐसा लगता है कि जैसे 12th के बाद कंपटीशन की त...

बाल साहित्य

बाल साहित्य बच्चों के चरित्र निर्माण में मुख्य भूमिका निभाती है । बच्चे अपने आस-...

संतान की सुख समृद्धि का व्रत है अहोई अष्टमी

वचन से फिरूं तो धोबी के कुंड पर जा कर मरू। तब साहूकार की बहू बोली कि मेरी कोख तो...

त्योहारों का व्यवसायीकरण -वैश्वीकरण से उपजी विकट विपदा

त्योहारों के व्यवसायीकरण ने अरबों रूपये का व्यापार करने वाले बाज़ार को तो लाभ से ...

कुछ पाकर, सब कुछ क्यों खोना

नया साल नए-नए हादसों का साल बन जाता हैं। सुबह तक कई तरह की वारदात को अंजाम दे दि...