कविता

शब्द बोलते है,

उसका हर शब्द, गवाह है इस बात का; कि किस्से-कहानियाँ बनायी नहीं जाती; बल्कि, घ...

समय है त्यौहार का

सुपर्व है उपहार का समय है त्यौहार का

मतदान का त्यौहार

यूं अपने सहयोग से मतदान अभियान को सफल बनाओ।

दीपावली पर स्नेह

दीपावली स्नेह मिलन में, सब अपनो को बुलाए अपने घर।

मैं तुम में रहती हूँ

आँख का पानी हो गई हूँ बच्चों की कहानी हो गई हूँ

चरवाहा

सतही तौर पर हँसता रहा वह बाबूजी!

बोधि वृक्ष

भावनाओं की इस मौन प्रक्रिया में शब्द विघ्न हैं 

धीमा ज़हर

जीने की अभिलाषा लेकर जीनेवाले जग में, आदमी की ऐसी दुर्दशा पर दिल रोता है।

विज्ञान

हर जगह है व्याप्त-चर्चा, आज इस विज्ञान की, मिट रही मानस पटल से, कालिमा अज्ञान...

आज़ादी की पहली सुबह

फूलों से भर दें यह गुलशन हमसब इस बगिया के माली

जिनकी बड़ी ज़ुबान

ऊँट के मुँह में जीरा जैसे मिली मदद है सरकारी; डीजल- चाय,पेंसिल- बीड़ी पर जी ऐस...

एक पिता की आवाज़

Ek Pita ki awaz

मन सुन्दर तो सब सुन्दर

केवल क्षण भर की सुंदरता है नहीं मुझे स्वीकार। सारा जग हो, आलोकित यही प्रण है इस...

स्वतंत्रता का त्यौहार है

जाति धर्म ऊंच-नीच के बीच अब तक होता अत्याचार है मनाते तो हम हैं मगर क्या सच में...

गुनगुनी धूप में

फिर गुणा भाग में मैं भटकने लगा आंख में कोई सपना खटकने लगा बात करना भी तो है जर...