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संत सहजोबाई की भक्ति साधना

रामानंद के 12 शिष्यों में जिसमें कबीर प्रमुख थे, ने भक्ति आंदोलन को व्यापकता प्र...

भक्त कवि विद्यापति और उनका काव्य संसार

"मोर पिया सखि गेल दूरी देश। जौवन दए भेल साल सनेस।। मास असाढ़ उनत नव मेघ। पि...

कबीरदास की निर्गुण परम्परा

"संत शब्द उस व्यक्ति की ओर संकेत करता है जिसने सत रूप परम तत्व का अनुभव कर लिया ...

अमृतसर का स्वर्ण मंदिर

यह मंदिर भारत के पंजाब प्रांत के अमृतसर शहर मे स्थित है।यह गुरुद्वारा सिख धर्माव...

कबीर की विचार चेतना और प्रासंगिकता

कबीर भले ही अनपढ़ थे, फिर भी उनके उपदेश, उनका विचार अज के समाज में भी प्रासंगिक ह...

वसुंधरा पुष्कर

हे परमपिता! निराकार हो, कण कण में समाए रहते हो हर पत्ते- बूटे में तुम ही तुम द...

मोरपंख के प्रति श्री कृष्ण की प्रीत

‘मोर’ सभी पक्षियों में सुन्दरतम् पक्षी के रूप में धरा पर प्रेम वर्षा की पुकार लि...

संत और साहित्य

संत कवियों में कबीर, नामदेव, नानक, धर्मदास, रज्जब, मलूकदास, दादूदयाल, सुन्दरदास,...

भारतीय साहित्य और संत परंपरा

वेदों की संख्‍या 4 है – ऋग्‍वेद, यजुर्वेद, सामवेद एवं अथर्ववेद। इन वेदों के 4 उप...

संत साहित्य में रहस्यवाद

संत साहित्य के अंदर रहस्यवाद एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। रहस्यवाद का प्रभाव ...

मालिक मोहम्मद जायसी और पद्मावत – प्रेम का मर्म

जायसी एक भावुक, सहृदय और संवेदनशील भक्त कवि थे। उनके लिखे ग्रंथों में ‘पद्मावत’,...

दक्षिण भारत के तीन प्रसिद्ध स्थान

सने कोयम्बटूर शहर से 30 किमी दूर स्थित ईशा फांउडेशन द्वारा निर्मित 'आदि योगी ' म...

Hill Station : लेंडीर देखो तो हिल स्टेशन, मिलो तो फील स...

19वीं सदी के पूर्वार्द्ध में अंग्रेजों ने मंसूरी से लगे लेंडोर का विकास कार्य या...

झूठी प्रशंसा

मृणाल शहर से लोकप्रशासन की पढ़ाई पूरी कर गाँव आया। उसे लगा कि गाँव अब भी वैसा ही...