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भाभी की सूझबूझ

जाड़े के दिन धीरे - धीरे जा रहे थे और सूरज दादा अपना तेवर दिखाना शुरू कर रहे थे। ...

मेरे छोटे भाई

मेरे छोटे भाई जब से तू गया है , मेरे भीतर जो तर्पण चलता है,

रुधिर

अंदर का नज़ारा देखते ही, हर व्यक्ति की यही इच्छा होती की बस जीवन इसी घर में कटे, ...

सावन का महीना

माँ के प्रेम भरे स्पर्श का सुखद अहसास कराती है सुखदायक, सुहावना और मनोहारी मौसम

द्वार खुले हैं

उदास बुढिया घर लौट गयी । बेमन से ही सही पर उसने मन लगा कर शासकीय भाषा सीखी । और ...

जुगाड

वोट पडने के बाद जीत को लेकर किसी ने कुछ उलटसुलट बोला तो रहीम ने उसका काल पकड लिय...

साहित्यिक yatra

मनिहारी मेरी जन्म भूमि तो नहीं है, लेकिन कर्म भूमि जरूर है ! साहित्यिक पुष्प मेर...

हुनर

अपने क्या पराए भी साथ खड़े होंगे जीवन में कभी मुश्किलों का सामना होगा

मृत्यु जब मेरे सिरहाने खड़ी होगी

रात-रात भर जाग कर जो मैंने कहानियाँ लिखी हैं उन कहानियों में मानवीय संवेदना और ...

आजकल की लड़कियाँ

लड़कियाँ चाहती हैं कि उनके सिर्फ रूप-सौंदर्य की चर्चाएं न हों उनके हुनर से, उनक...

प्रेमचंद की ऐतिहासिक कहानियां तथा उपन्यास

प्रेमचंद की ऐतिहासिक कहानियों में “रानी सारंधा”, “सती”, “मर्यादा की वेदी” “पाप क...

सबको जीवन देता पानी

जल  से   खेतों  में   हरियाली , जो  देती  जग  को  खुशहाली ।

रुपए पैसे के रिश्ते

बेटी को भरोसा था कि मैं उसकी कही बात टालूँगा नहीं। जैसे जैसे भरोसे की अवधी बढ़ती...

योग

खान पान पर नहीं नियंत्रण  ठूंस ठूंसकर चरते हैं  जब पड जाते हैं बिस्तर पर फिर ...

जिजीविषा

पतझड़ हमेशा बुरा ही नहीं होता और न ही इसका आना पेड़ों की मृत्यु है,,, ये तो ए...

फूल चोर

उनकी इस आदत से सब लोग बड़े परेशान थे। अलका ने घर की दीवार से लगाकर खूब सारे गुला...