कविता

नींद

मैं न मनचाही कभी भी नींद सोया। नित्य कच्ची नींद जागा और रोया। साक्ष्य मेरे जाग...

दुश्मन ने आज हमें फिर है ललकारा

दुश्मन ने आज हमें फिर पहलगांव से है ललकारा घूमने गए निर्दोष लोगों को बहुत बेदर्...

“ गले नहीं लगा पाए "

चुन चुन कर जिससे प्यार पाते रहे। जिसकी छाया में हमेशा मुस्कुराते रहे।। हजारों ...

कलम उठायी है

जब-जब लिखने के लिए कलम उठाई है वीर सपूतों की शौर्य गाथा लिखाई है जय हिंद जय भा...

जहां चाह वहाँ राह

। एक ऐसी लड़की जो बिना पांव के भी एवरेस्ट की ऊंचाइयों को छूकर आती है। एक ऐसी लड़की...

बोल उठा पहलगाम

देश से आतंक को मिटाने में हर भारतीय हैं एक, पक्ष हो या विपक्ष, आतंक के खिलाफ़ है...

मजदूर

दिनभर का हांफता हुआ मजदूर  इन्तजार करता है शाम का पैरों की बिवाई साफ करने के ल...

नियति

सभी संसाधनों के बावजूद  उलझ गयी थी मेरी जिंदगी  बेकार थी सारी कोशिशें सुलझाने...

त्योहारों का महत्व

, काम करते-करते उसके मन में एकरसता का भाव उत्पन्न हो जाता है। त्योहार ही एकरसता ...

हिम्मत की कीमत

जीवियों में  हिम्मत है तो जन्नत है ।

हिम्मत का कीमत

जीवियों में  हिम्मत है तो जन्नत है ।

वाकपटुता

युग कब आएगा

जब हर कन्या को शिक्षा का अधिकार मिलेगा   तब ज्ञान और प्रगति का युग आएगा   जब ब...