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रंगीला फाग

पहला मधुकर रंग हो, इतना तो अधिकार। गोरी कोरी देह पर,दे पिचकारी मार।।

आत्मा और शरीर

गई थी वस्त्र फैलाने, भाग कर झट से तू आई,

नारी की अभिलाषा

महिला बिन पुरुषों का अस्तित्व भला नज़र कहीं आता है

माँ की ममता

हिसाब बराबर हो रहा है बेटा जब तुम छोटे थे तो मैं तुम्हें खिलाती थी और आज तुम्हें...

जल और हमारा पर्यावरण

पर्यावरण का सरंक्षण व परिवर्द्धन का संदेश भारतीय जीवन दर्शन के आधार-चिंतन में नि...

जिंदगी

बैठी हूँ वक्त की टहनी पर परिन्दों की तरह उड़ जाने को

तबादले के बाद

लालजी साहू तारापुर कोलियरी के सेल्स आफिस का बड़ा बाबू था । जैसे थाने का बड़ा बाब...

आगे से फटा जूता

जिंदगी के आईने में अपने अनुभवों का अक्स वो हर आदमी देखना चाहता है, जिसके अंदर दू...

सच्चा साथी

रीना एक पढ़ी-लिखी संभ्रांत महिला थी।चेहरे मोहरे से भी ठीक-ठाक ही थी । यही नहीं स...

अंग्रेजी ने हमसे क्या छीना है

इस प्रकार हम देखते है कि अंग्रेजी ने हमसे हमारी भाषा का अपनापन छीन लिया है , निज...

बुजुर्ग

दादी सुकून घर की शान रही दुर्भाव नहीं।।

“ हे राम “

30 जनवरी को बिड़ला हॉउस में सरदार पटेल के साथ देश के गंभीर मुद्दे पर गांधीजी अंदर...

नोबेल शांति पुरस्कार विजेता और भारत रत्न नेल्सन मंडेला

जैसा गौरव हमारे देश में महात्मा गांधी को प्राप्त है वैसे ही दक्षिण अफ्रीका में म...

मेघा की दास्तां

दोनों का दाम्पत्य जीवन सुखमय हुआ। पति भी मेघा को पढ़ाई के लिए बहुत सहयोग देते है...

जीवन का न कोई ठिकाना

संग सांसों का अनमोल खजाना लुट जाए कब यह कोई न जाना

स्त्रियां

लेती है रूप  मां  सरस्वती का ज्ञान के अमिट प्रकाश के लिए। और होती है प्रकट मां...