आखिर किराये का घर छोड़ कर ,
जाने लगे सब शहर छोड़ कर ,
अलग रास्ते है, अलग मंजिले है।
आधा अधूरा सफर छोड़ कर ,
जाने लगे सब शहर छोड़ कर।
जब दूर होंगे और पास होंगे ,
कुछ अपनी कहेंगे कुछ उनकी सुनेगे
कदमो के निशां राहो पर छोड़ कर,
जाने लगे सब शहर छोड़ कर।