तू नही है पास मेरे कुछ कमी सी है।
तेरे ना आने से आँखो में कुछ नमी सी है।
इस दिल में कुछ ख़्वाहिशे दबी सी है।
तेरा नाम सुनते ही जो धडक़ने तेज़ हो जाया करती थी।
वो धडक़ने अब कुछ थमी सी है।
इस महफ़िल में सब तो है पर एक तेरी कमी सी है।
तेरे होने का एहसास जिस दिल को हो जाता था।
अब उन एहसासो में अब कुछ कमी सी है।
सब कुछ पाने के बाद भी इस दिल को तेरी कमी सी है।
तुझे देख कर जिस चेहरे पर आ जाती थी रौनक।
उस चेहरे के रौनक में अब कुछ कमी सी है।
दिल धड़कता तो है पर उन धकड़कनो में कुछ कमी सी है।
छोड़ कर तू गया जब से इस जिन्दगी में तेरी कमी सी है।